RBI Interest Rate Cut: नए साल में महंगी EMI से राहत मिलना तय! जानकारों ने बता दिया कब नए RBI गवर्नर करेंगे खुशखबरी का एलान
RBI Repo Rate Cut: खाद्य महंगाई दर और खासतौर से खाद्य महंगाई में कमी के बाद नए साल में रेपो रेट की संभावना बढ़ गई है.
RBI Rate Cut: नए साल में महंगी ईएमआई (EMI) से आपको राहत मिल सकती है. आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) के पदभार संभालने के अगले ही दिन जो खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Rate) का आंकड़ा आया है वो उनके लिए खुशखबरी लेकर आया है. नवंबर महीने में खुदरा महंगाई दर घटकर 5.48 फीसदी पर आ चुकी है जो अक्टूबर 2024 में 6.21 फीसदी रही थी. राहत की बात ये है कि खाद्य महंगाई (Food Inflation) दर भी 10 फीसदी से नीचे जा फिसली है और ये घटकर 10.9 फीसदी से 9.04 फीसदी पर आ गई है. सब्जियों, फलों और दाल की कीमतों में गिरावट के चलते खाद्य महंगाई दर कम हुई है. कोर इंफ्लेशन भारतीय रिजर्व बैंक के 4-6 फीसदी के रेंज के नीचे है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नए आरबीआई गवर्नर नए साल में कर्ज सस्ता करेंगे.
खाद्य महंगाई से मिलेगी राहत
6 दिसंबर 2024 को आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी का जो एलान हुआ है उसमें मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 5.7 फीसदी महंगाई दर का अनुमान जताया गया है. पहले दो महीने में औसत महंगाई दर 5.9 फीसदी रही है. बेहतर खरीफ फसलों के प्रोडक्शन और सप्लाई में सुधार के चलते खाद्य महंगाई में और कमी के आसार हैं. ऐसे में तीसरी तिमाही में महंगाई आरबीआई के लक्ष्य के करीब रहने की उम्मीद है.
फरवरी 2025 में आरबीआई घटाएगा रेपो रेट!
पीएल कैपिटल के इकोनॉमिस्ट इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज अर्श मोगरे के मुताबिक, आरबीआई के ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ गई है. नवंबर महीने में सीपीआई इंफ्लेशन 5.48 फीसदी रहा है जो अक्टूबर में 6.21 फीसदी रहा था. उन्होंने कहा, महंगाई में कमी मॉनिटरी पॉलिसी के नरम पड़ने का लिए राहत तैयार कर रहा है. उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा, हमारा मानना है कि फरवरी 2025 में मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग में आरबीआई रेपो रेट में कटौती कर सकता है.
नए साल में सस्ती होगी ईएमआई
केयरएज रेटिंग्स की चीफ इकोनॉमिस्ट रजनी सिन्हा ने कहा, सब्जियों की महंगाई दर जो पिछले कुछ महीनों से महंगाई को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार थी वो 42 फीसदी से घटकर नवंबर में घटकर 29 फीसदी पर आ गई है. उन्होंने कहा, आने वाले महीनों में महंगाई दर में कमी के बाद मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी आर्थिक विकास के ग्रोथ की रफ्तार के धीमे पड़ने के चलते ब्याज दरें घटाने पर विचार कर सकती है. उन्होंने कहा 2024-25 की चौथी तिमाही में महंगाई दर 5 फीसदी से नीचे घटकर आ सकती है. इसके चलते फरवरी बैठक में 25 बेसिस प्वाइंट और साल 2025 में 50-75 बेसिस प्वाइंट ब्याज दरों में कटौती किए जाने की संभावना है.
GDP को सपोर्ट करने के लिए सस्ता होगा कर्ज!
दरअसल हाल के दिनों में मोदी सरकार के मंत्री भी ब्याज दरों में कटौती की पैरवी कर चुके हैं. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Pyush Goyal) और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ब्याज दरों में कटौती किए जाने के पक्ष में है. खासतौर से देश की जीडीपी ग्रोथ रेट दूसरी तिमाही में घटकर 5.4 फीसदी रही है. ऐसे में ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए ब्याज दरों में कटौती की मांग तेज होती जा रही है. हालांकि महंगाई और खाद्य महंगाई इस राह में सबसे बड़ा विलेन साबित हुआ है.
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