RBI Card Tokenization: क्रेडिट और डेबिट कार्ड यूजर्स की बढ़ती संख्या के साथ ही इससे जुड़े फ्रॉड के मामलों में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. ऐसे में यूजर्स को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने पहले कार्ड टोकनाइजेशन (Card Tokenization) की शुरुआत की थी. इसके फायदों को देखते हुए अब केंद्रीय बैंक ने टोकनाइजेशन के लिए कार्ड ऑन फाइल (Card-on-File Tokenisation) के लिए नए चैनल पेश किए हैं. इस नई सुविधा के जरिए कार्ड होल्डर्स अपने अकाउंट को सीधा अलग-अलग ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जोड़ सकेंगे.
RBI ने किया ऐलान
शुक्रवार को हुई मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC Meeting) की बैठक के बाद रिजर्व बैंक ने कार्ड ऑन फाइल टोकनाइजेशन (CoFT) में हुए नए बदलाव के बारे में जानकारी दी है. रिजर्व बैंक ने कार्ड ऑन फाइल टोकनाइजेशन (CoFT) की शुरुआत सितंबर, 2021 को की थी. इसके साथ ही इस सिस्टम को 1 अक्टूबर, 2022 से ही शुरू कर दिया गया था. अबतक आरबीआई ने इस सिस्टम के जरिए 56 करोड़ से अधिक टोकन को जारी कर दिया है, जिसकी कुल वैल्यू 5 लाख करोड़ से अधिक की है.
टोकन सिस्टम में क्या हुआ बदलाव
गौरतलब है कि पहले क्रेडिट और डेबिट कार्ड से शॉपिंग करने के लिए कार्ड होल्डर्स को वेबसाइट पर कार्ड से जुड़े सभी डिटेल्स को डालना पड़ता है.इससे कार्ड की जानकारी के गलत इस्तेमाल का खतरा रहता था, मगर टोकन सिस्टम की शुरुआत के बाद से डिटेल्स की जगह अब टोकन के जरिए काम हो जाता है. इससे कार्ड की डिटेल्स सुरक्षित रहती है और पेमेंट करने में वक्त भी बचत होती है. अभी के सिस्टम के मुताबिक ग्राहकों को ई-कॉमर्स वेबसाइट पर जाकर आपको टोकन क्रिएट करना पड़ता है, लेकिन अब इसे बैंक के स्तर पर ही तैयार किया जा सकेगा. इससे ग्राहक एक टोकन से ही सभी वेबसाइट पर आसानी से शॉपिंग कर पाएंगे.
आरबीआई ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव
रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को तीन दिवसीय मीटिंग के बाद यह ऐलान किया कि रेपो रेट (RBI Repo Rate) में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा. यह 6.50 फीसदी पर स्थिर बना हुआ है. इस फैसले के बाद जहां एफडी में निवेश करने वाले ग्राहकों को राहत मिली है, वहीं फेस्टिव सीजन में सस्ते होम लोन, कार लोन की आशा रखने वाले ग्राहकों के लिए झटके की खबर है.
ये भी पढ़ें-