RBI Draft: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स के लिए साइबर रिजिलिएंस और डिजिटल पेमेंट सेफ्टी कंट्रोल पर एक मास्टर निर्देश का ड्राफ्ट जारी कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने 30 जून तक इस पर टिप्पणियां मांगी हैं. इन्हें आरबीआई के मुंबई स्थित केंद्रीय कार्यालय में मुख्य महाप्रबंधक, भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग को ईमेल या डाक के माध्यम से भेजा जा सकता है.
RBI ने दे दी थी पहले ही जानकारी
ड्राफ्ट गाइडलाइंस सूचना सुरक्षा जोखिमों और कमजोरियों सहित साइबर सुरक्षा जोखिमों की पहचान, मूल्यांकन, निगरानी और प्रबंधन के लिए शासन तंत्र को कवर करते हैं, और सुरक्षित डिजिटल भुगतान लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए आधारभूत सुरक्षा उपायों को निर्दिष्ट करते हैं. आरबीआई ने 8 अप्रैल को घोषणा की थी कि वह भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों- पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स (पीएसओ) के साइबर लचीलेपन और भुगतान सुरक्षा नियंत्रण पर निर्देश जारी करेगा.
पेमेंट गेटवे सहित इनके लिए है गाइडलाइंस
गाइडलाइंस में कहा गया है, उन अनियमित संस्थाओं के साथ पीएसओ के लिंकेज से उत्पन्न होने वाले साइबर और प्रौद्योगिकी संबंधी जोखिमों की प्रभावी ढंग से पहचान, निगरानी, नियंत्रण और प्रबंधन करने के लिए जो उनके डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र (जैसे पेमेंट गेटवे. थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर, विक्रेता, व्यापारी, आदि) का हिस्सा हैं, पीएसओ आपसी समझौते के अधीन यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी अनियमित संस्थाएं भी इन निदेशरें का पालन करें.
क्या है PSO
यह पीएसओ का निदेशक मंडल है जो साइबर जोखिम और साइबर रिजिलिएंस सहित सूचना सुरक्षा जोखिमों पर पर्याप्त निगरानी सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा. हालांकि, प्राथमिक निरीक्षण बोर्ड की एक उप-समिति को सौंपा जा सकता है जो प्रत्येक तिमाही में कम से कम एक बार बैठक करेगी.
साथ ही, आरबीआई ने पीएसओ को साइबर खतरों और साइबर हमलों का पता लगाने, नियंत्रण करने, प्रतिक्रिया देने और उनसे उबरने के लिए एक अलग बोर्ड-अनुमोदित साइबर संकट प्रबंधन योजना (सीसीएमपी) तैयार करने के लिए कहा है. इसके अलावा, पीएसओ नए उत्पादों या सेवाओं या प्रौद्योगिकियों के लॉन्च या बुनियादी ढांचे या मौजूदा उत्पाद या सेवाओं की प्रक्रियाओं में बड़े बदलाव करने से संबंधित साइबर जोखिम मूल्यांकन अभ्यास करेगा.
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