RBI Monetary Policy 2022: आम आदमी को इस बार की मौद्रिक समीक्षा नीति के फैसलों के बाद झटका लग सकता है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Fed Reserve) द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कुछ दिन बाद आरबीआई (RBI) भी नीतिगत दरों में इजाफा कर सकता है. रिजर्व बैंक रेपो रेट्स (Repo Rates) की दरों में 0.25 फीसदी से लेकर 0.35 फीसदी तक का इजाफा कर सकता है. एक्सपर्ट का मानना है कि मुद्रास्फीति पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय बैंक आगामी बैठक में रेपो दर बढ़ा सकती है. 


3 अगस्त को शुरू होगी बैठक
केंद्रीय बैंक पहले ही अपने नरम मौद्रिक रुख को धीरे-धीरे वापस लेने की घोषणा कर चुका है. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की द्विमासिक बैठक तीन अगस्त से शुरू हो रही है. बैठक के नतीजों की घोषणा पांच अगस्त को होगी.


कितना हुआ अबतक इजाफा?
खुदरा मुद्रास्फीति छह महीने से रिजर्व बैंक के छह फीसदी के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है. ऐसे में रिजर्व बैंक ने मई और जून में रेपो दर में क्रमश: 0.40 फीसदी और 0.50 फीसदी का इजाफा किया था.


महामारी पूर्व स्तर पर पहुंच जाएंगी दरें
एक्सपर्ट का मानना है कि केंद्रीय बैंक इस सप्ताह प्रमुख नीतिगत दर को कम से कम महामारी-पूर्व के स्तर पर ले जाएगा. आगामी महीनों में इसमें और इजाफा होगा. बोफा ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारा मानना है कि एमपीसी पांच अगस्त को रेपो दर में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी करेगी. साथ ही वह अपने रुख को धीरे-धीरे सख्त करेगी.


कैलेंडर ईयर में हुआ 2.25 फीसदी का इजाफा
रिपोर्ट में कहा गया है कि रेपो दर में आक्रामक 0.50 फीसदी या कुछ नरम 0.25 फीसदी की वृद्धि की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता. बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि फेडरल रिजर्व ने कैलेंडर साल 2022 में ब्याज दरों में 2.25 फीसदी की वृद्धि की है. इससे ऐसी संभावना बन रही है कि रिजर्व बैंक भी ब्याज दरों में तय समय से पहले अधिक वृद्धि कर सकता है. रिपोर्ट कहती है, ‘‘हालांकि भारत में परिस्थितियों को देखते हुए अभी आक्रामक रुख की जरूरत नहीं है.


जानें क्या बोले हाउसिंग.कॉम के सीईओ
हाउसिंग.कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि अमेरिका सहित दुनिया के अन्य देशों के बैंकिंग नियामक आक्रामक तरीक से ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं, लेकिन भारत में स्थिति ऐसी नहीं है. यहां आक्रामक तरीके से ब्याज दरें बढ़ाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारा अनुमान है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में 0.20 से 0.25 फीसदी का इजाफा होगा. 


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