RBI News: बैंकों के कस्टमर सर्विस में कमी पाये जाने पर लग सकता है जुर्माना! RBI की कमिटी ने कस्टमर चार्टर बनाने का दिया सुझाव
RBI News Update: बी पी कांगू कमिटी ने क्लेम सेटलमेंट के प्रोसेस को सरल बनाने का सुझाव अपनी रिपोर्ट में दिया है.
Customer Services Standards: बैंकों और आरबीआई द्वारा रेग्यूलेटेड दूसरे संस्थाओं में कस्टमर सर्विस स्टैंडर्ड में सुधार लाने के लिए पूर्व डिप्टी गवर्नर बी पी कांगू की अध्यक्षता वाली कमिटी ने अपनी रिपोर्ट आरबीआई को सौंप दी है. इस कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि ऐसी कोई भी संस्था जिसे आरबीआई रेग्यूलेट करती है अगर वहां कस्टमर सर्विसेज में कमियां पाई जाती है तो उनपर जुर्माना लगाया जाना चाहिए. साथ ही आरबीआई को कस्टमर के अधिकारों के लिए चार्टर बनाने पर भी विचार करना चाहिए साथ ही उससे समय समय पर इसे रिव्यू करने के साथ अपडेट करना चाहिए. आरबीआई ने कमिटी की रिपोर्ट को वेबसाइट पर डाल दिया है और 7 जुलाई 2023 तक स्टेकहोल्डरों से ई-मेल के जरिए इस पर सुझाव मांगा है.
कमिटी ने अपने सुझाव में कहा है कि आरबीआई कस्टमर के अधिकारों के लिए चार्टर को नॉन बैंकिंग फाइसैंशियल कंपियों पर भी लागू करने पर विचार कर सकती है. कमिटी ने कहा कि इंडियन बैंक्स एसोसिएशन अपने मॉडल ऑपरेटिंग प्रोसिजर (MOP) को इस रेग्यूलेशन के मुताबिक अपडेट कर सकती है जिससे खाताधारकों के मृत्यु होने पर अकाउंट्स में रखे रकम को क्लेम करने में होने वाली परेशानी को खत्म किया जा सके. अगर खाते में नॉमिनेशन पहले से मौजूद है तो डॉक्यूमेंट सबमिट करने के बाद रकम फौरन जारी कर दिया जाये.
कमिटी ने कहा है कि डिपॉजिट अकाउंट में नॉमिनेशन को जरुरी कर देना चाहिए जिससे अकाउंट होल्डर की मृत्यु होने पर क्लेम के सेटलमेंट बिना किसी परेशानी के संभव हो सके. कमिटी ने कहा कि अभी कई अकाउंट में नॉमिनी नहीं है. ऐसी परिस्थिति में 3 सालों के भीतर रेग्यूलेटेड एनटिटी को नॉमिनी का नाम हासिल करने को कहा जाये. कमिटी ने कहा कि नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी ऑनलाइन भी क्लेम कर सकें ऐसी सुविधा शुरू की जानी चाहिए. ऑनलाइन फैसिलिटी में ऑनलाइन डॉक्यूमेंट के जमा करने के बाद वेरिफिकेशन की सुविधा हो. और तय समय सीमा जैसे डॉक्यूमेंट सबमिट की तारीख के 30 दिनों के भीतर क्लेम के सेटलमेंट का प्रावधान हो.
कमिटी ने कहा कि ऑफलाइन डॉक्यूमेंट जमा करने पर भी तय समय सीमा के भीतर क्लेम सेटलमेंट का प्रावधान हो. और अगर रेग्यूलेटड एनटिटी क्लेम सेटलमेंट में 30 दिन से ज्यादा लेते हैं डिपॉजिट पर तय ब्याज से दो फीसदी ज्यादा ब्याज के साथ रकम नॉमिनी को लौटाया जाए. कमिटी ने कहा कि रेग्यूलेटेड एनटिटी एक समय अंतराल पर केवाईसी अपडेट करने के लिए जरुरी कदम उठायें. हालांकि ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इसके अभाव में अकाउंट में ऑपरेशन बंद ना हो.
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