Interest Rate Cut: थोक और खुदरा महंगाई दर में कमी के बाद बढ़ने लगी है सस्ते कर्ज की उम्मीद, जल्द मिल सकती है महंगी EMI से राहत
RBI Repo Rate: मई 2022 के बाद से आरबीआई ने 2.50 फीसदी ब्याज दरें महंगी कर दी, जिससे लोगों की ईएमआई महंगी हो गई थी.
EMI Hike Relief: बीते चार दिनों के भीतर खुदरा और थोक महंगाई दर के आंकड़े आए हैं. खुदरा महंगाई दर 18 महीने के निचले लेवल 4.70 फीसदी पर घटकर आ गया है जो एक साल पहले 7.79 फीसदी हुआ करता था. तो थोक महंगाई दर का आंकड़ा 3 साल के निचले लेवल शून्य से नीचे -0.92 फीसदी पर आ चुका है. महंगाई दर में इस गिरावट के बाद सबसे ज्यादा राहत उन लोगों को मिल सकती है जिनके होम लोन की ईएमआई में बेतहाशा बढ़ोतरी बीते एक साल में देखने को मिली थी.
भारतीय रिजर्व बैंक के मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक 6 से 8 जून 2023 को होगी. और 8 जून को कमिटी के फैसले का एलान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास करेंगे. और माना जा रहा है कि महंगाई दर के आंकड़े में इस बड़ी गिरावट के बाद आरबीआई गवर्नर अपने पॉलिसी रेट्स को जस का तस रख सकते हैं. यानि आपकी ईएमआई यहां से और महंगी नहीं होगी. इससे पहले भी अप्रैल महीने में आरबीआई ने रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर यथावत रखने की घोषणा की थी.
जानकारों का मानना है कि भले ही जून महीने के मॉनिटरी पॉलिसी में आरबीआई रेपो रेट में कोई बदलाव ना करे लेकिन यहां से खुदरा महंगाई दर में और गिरावट आई तो अगस्त महीने में आरबीआई अपने पॉलिसी रेट्स को कम कर सकता है. नोमुरा होल्डिंग्स पहले ही कह चुका है कि अगस्त महीने के बाद से रेपो रेट में 2023 के आखिर तक 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है. यानि रेपो रेट के मौजूदा लेवल 6.50 फीसदी से घटाकर 5.75 फीसदी किया जा सकता है.
हाल ही में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने खुदरा महंगाई दर में गिरावट पर कहा था कि महंगाई दर में गिरावट इस ओर इशारा कर रहा है कि मॉनिटरी पॉलिसी सही दिशा में जा रही है. हालांकि मॉनिटरी पॉलिसी में आरबीआई के रूख को लेकर उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. लेकिन अब ये माना जा रहा है कि 2022 में आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने से जिन लोगों की ईएमआई महंगी हुई थी उनकी ईएमआई सस्ती होने के सिलसिले की शुरुआत हो सकती है.
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