RBI Monetary Policy: लोकसभा चुनाव परिणाम 4 जून को आने वाले हैं. इसके ठीक एक दिन बाद 5 जून से 7 जून तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आयोजित होने जा रही है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि आरबीआई इस बैठक में रेपो रेट में की बदलाव नहीं करेगा. आरबीआई ने फिलहाल रेपो रेट को 6.5 फीसदी किया हुआ है. महंगाई की चुनौतियों के बावजूद वह ब्याज दरों को फिलहाल स्थिर रखने की नीति पर ही आगे बढ़ने वाला है. 


लगातार 8वीं बार नहीं होगा कोई बदलाव 


यदि अनुमान के मुताबिक, 7 जून को ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाता है तो यह यथास्थिति बनाए रखने का 8वां मौका होगा. देश की इकोनॉमी इस समय रफ्तार पकड़े हुए है. ऐसे में केंद्रीय बैंक रेपो रेट में छेड़छाड़ से बचना चाहेगा. रेपो रेट फरवरी, 2023 से 6.5 फीसदी ही है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यीय एमपीसी की बैठक का फैसला शुक्रवार, 7 जून को आएगा. हाल ही जारी किए गए आंकड़ों से पता चला था कि वित्त वर्ष 2024 में इकोनॉमी की रफ्तार 8.2 फीसदी रही है.


महंगाई के चलते सतर्क रहेगा आरबीआई 


आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की चीफ इकोनॉमिस्ट गौरा सेन गुप्ता ने कहा कि हीटवेव के चलते महंगाई बढ़ सकती है. खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट के आसार फिलहाल नजर नहीं आ रहे. ऐसे में आरबीआई ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं चाहेगा. वह सावधानी से आगे बढ़ सकते हैं. आरबीआई ने पहले भी कहा था कि वह महंगाई दर को 4 फीसदी के आसपास रखना चाहते हैं. 


आर्थिक स्थितियों में नहीं आया है कोई बड़ा बदलाव 


बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि पिछली नीति के बाद से आर्थिक स्थितियां काफी हद तक समान ही बनी हुई हैं. पीएमआई और जीएसटी कलेक्शन से संकेत मिला है कि इकोनॉमी सही दिशा में जा रही है. उन्होंने कहा कि महंगाई के आंकड़े जरूर चिंता पैदा कर रहे हैं. भीषण गर्मी ने सब्जियों की कीमतों को प्रभावित किया है.


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