RBI मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक में रेपो रेट्स में बदलाव की संभावना कम, यथास्थिति रह सकती हैं दरें!
RBI monetary policy: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में ब्याज दरों के मोर्चे पर आम जनता को राहत मिल सकती है.
RBI monetary policy: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में ब्याज दरों के मोर्चे पर आम जनता को राहत मिल सकती है. इस बार की बैठक में आरबीआई ब्याज दरों को यथास्थिति कायम रख सकता है. हालांकि, खुदरा मुद्रास्फीति के ऊपरी संतोषजनक स्तर पार कर जाने और रूस-यूक्रेन वॉर की वजह से पैदा हुई अनिश्चितताओं, वृद्धि को संरक्षण और प्रोत्साहन देने की जरूरत के मद्देनजर केंद्रीय बैंक के रुख में बदलाव भी हो सकता है. मार्केट एक्सपर्ट ने यह राय जताई है.
8 अप्रैल को होगी बैठक की घोषणा
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC) की चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक छह से आठ अप्रैल को होगी. इस बैठक के नतीजों की घोषणा आठ अप्रैल को की जाएगी.
वृद्धि दर अनुमान को किया जा सकता है कम
रेटिंग एजेंसी इक्रा लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अप्रैल 2022 की नीतिगत समीक्षा में एमपीसी द्वारा अपने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-आधारित मुद्रास्फीति के अनुमान में संशोधित किए जाने की उम्मीद है. इसके अलावा 2022-23 के लिए वृद्धि दर के अनुमानों को कम किया जा सकता है.
मुद्रास्फीति का लक्ष्य 6 फीसदी से ऊपर
उन्होंने कहा, ‘‘एमपीसी मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए वृद्धि का ‘त्याग’ नहीं करेगी. मध्यम अवधि के लिए मुद्रास्फीति का लक्ष्य छह फीसदी के ऊंचे स्तर पर है. ऐसे में एमपीसी का रुख अन्य केंद्रीय बैंकों की तुलना में अधिक समय के लिए वृद्धि को समर्थन देने वाला रहेगा.’’
जानें क्या है एक्सपर्ट की राय?
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर अप्रैल, 2022 में नीतिगत मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखने की उम्मीद है. एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुख्य विश्लेषण अधिकारी सुमन चौधरी ने कहा कि मौजूदा अनिश्चिताताओं को देखते हुए रिजर्व बैंक के पास मौद्रिक नीति को कड़ा करने की सीमित गुंजाइश है. उन्होंने कहा कि युद्ध के हानिकारक प्रभाव के बीच केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति को संतोषजनक स्तर पर रखने के लिए कदम उठाना होगा और साथ ही वृद्धि को समर्थन भी प्रदान करना होगा.
रिवर्स रेपो रेट 0.4 फीसदी
चौधरी ने कहा कि आगे चलकर रिजर्व बैंक जून-अगस्त, 2022 की मौद्रिक समीक्षा में रिवर्स रेपो दर में 0.4 फीसदी और 2022-23 की शेष अवधि में रेपो दर में कुल मिलाकर आधा प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है.
ब्याज दरों में बदलाव की संभावना कम
आपको बता दें हाउसिंग.कॉम, मकान.कॉम और प्रॉपटाइगर.कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के कारण मुद्रास्फीति के दबाव में वृद्धि को देखते हुए रिजर्व बैंक के लिए यथास्थिति को कायम रखना मुश्किल होगा.
जानें क्या है ब्रोकरेज कंपनी का अनुमान
जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक आगामी मौद्रिक समीक्षा बैठक में संभवत: अपने जीडीपी और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के अनुमान का नए सिरे से आकलन करेगा.
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