महंगाई कम करने पर फोकस
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई का फोकस महंगाई कम करने पर रहा है और हमारी अर्थव्यवस्था में ग्रोथ बरकरार है. हालांकि महंगाई आरबीआई के टार्गेट से ज्यादा रही है लेकिन आरबीआई 4 फीसदी की महंगाई दर हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है. कोर महंगाई दर में कमी आ रही है और इसके असर से नीतिगत दरों पर भी असर देखा जाएगा. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि जुलाई-अगस्त में महंगाई दर के ज्यादा रहने का अनुमान है और मुख्य रूप से सब्जियों की महंगाई दर के बढ़ने के कारण ऐसा देखा जाने की संभावना है.
RBI ने बढ़ाया महंगाई दर का अनुमान
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024 के लिए महंगाई दर के अनुमान को बढ़ा दिया है. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए महंगाई दर का अनुमान 5.4 फीसदी कर दिया गया है जो कि पिछली बार 5.1 फीसदी पर रखा गया था. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति महंगाई दर पर नजर रखेगी. उन्होंने ये भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने महंगाई को काबू करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की, हालांकि खाद्य महंगाई दर चिंता का विषय बनी हुई है.
GDP ग्रोथ को लेकर आरबीआई का अनुमान
वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी की ग्रोथ का अनुमान आरबीआई ने 6.50 फीसदी पर कायम रखा है और आरबीआई गवर्नर के मुताबिक ये कई देशों की अर्थव्यवस्था से बेहतर रहने वाली है. वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर मजबूत बनी हुई है. देश की मैक्रो आर्थिक स्थिति मजबूत है. भारत दुनिया के लिये आर्थिक वृद्धि का इंजन बना है. भारत वैश्विक चुनौतियों से निपटने के मामले में अन्य देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है और मौजूदा परिस्थतियों को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.50 फीसदी रहने की उम्मीद है.
किन लेवल पर हैं अब नीतिगत दरें
आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है और इसके बाद रेपो रेट 6.50 फीसदी पर है. वहीं रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर यथावत है. MSF, बैंक रेट 6.75 फीसदी पर ही बना हुआ है.
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