RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज मौद्रिक नीति का ऐलान किया है और इसमें रेपो रेट और दूसरी नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज इसकी घोषणा अपने संबोधन में कर दी है. इस तरह आपके लोन की ईएमआई पर कोई राहत नहीं मिलेगी है और ना ही ये बढ़ेगी क्योंकि आरबीआई ने दरों पर 'स्टेटस को' यानी यथास्थिति बरकरार रखी है. इस तरह रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार रहेगा.
शेयर बाजार को मिला जोश- निफ्टी पहली बार 21 हजार के पार
शेयर बाजार ने आरबीआई क्रेडिट पॉलिसी को हाथोंहाथ लिया है. आरबीआई गवर्नर का संबोधन शुरू होते ही निफ्टी ने 21,005.05 का रिकॉर्ड हाई बनाया और 21000 का ऐतिहासिक लेवल पार करता दिखा.
लगातार पांचवी बार आरबीआई ने ब्याज दरें स्थिर रखीं
आरबीआई की मौद्रिक नीति में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने से बैंकों को समान दरों पर लोन मिलता रहेगा. ये लगातार पांचवी बार है जब रिजर्व बैंक ने अपनी नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया और इन्हें स्थिर रखा.
जीडीपी के लिए रिजर्व बैंक का अनुमान
वित्त वर्ष 2024 के लिए रिजर्व बैंक ने जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का अनुमान 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है. आरबीआई ने क्रेडिट पॉलिसी में 'विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन' का रुख बरकरार रखा है.
UPI के लिए आरबीआई गवर्नर ने किए 2 नए ऐलान
पहली घोषणा
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हॉस्पिटल और एजूकेशनल इंस्टीट्यूट्स के हर एक ट्रांजेक्शन के लिए यूपीआई ट्रांजेक्शन लिमिट को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जा रहा है. इससे शिक्षा और हेल्थकेयर सेक्टर के लिए यूपीआई ट्रांजेक्शन में फायदा मिलेगा.
दूसरी घोषणा
मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग में रिकरिंग नेचर के पेमेंट के e-mandate में बदलाव करने की सिफारिश की गई है. इसके तहत रिकरिंग ट्रांजेक्शन की यूपीआई लिमिट 1 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन तक बढ़ाई जा रही है. ऐसे यूपीआई पेमेंट की सीमा 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने का प्रस्ताव आरबीआई गवर्नर ने अपने संबोधन में रखा है. इसके अंतर्गत मुख्य रूप से म्यूचुअल फंड सबस्क्रिप्शन के लिए रिकरिंग यूपीआई पेमेंट, इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम और क्रेडिट कार्ड रीपेमेंट्स के लिए यूपीआई की लिमिट बढ़ेगी.
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