RBI Repo Rate Hike: रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.50 फीसदी बढ़ाया, महंगा होगा लोन लेना, बढ़ जाएगी आपकी EMI
RBI Repo Rate Hike: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज अपनी मौद्रिक नीति समिति की बैठक के फैसलों का एलान कर दिया है और इसमें रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा कर दिया है.
RBI Monetary Policy: देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति की बैठक के फैसलों का एलान कर दिया है. आरबीआई ने रेपो रेट में 0.50 बेसिस पॉइंट का इजाफा कर दिया है और इसे बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया है. इसका अर्थ है कि आपकी ईएमआई इसके चलते काफी बढ़ने वाली है.
GDP ग्रोथ, महंगाई को लेकर क्या है अनुमान
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 में देश की आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी के अनुमान को 7.2 फीसदी पर बरकररार रहने का अनुमान है. वहीं वित्त वर्ष 2023 के लिए रिटेल महंगाई दर का अनुमान 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा गया है.
अन्य नीतिगत दरों को जानें
शक्तिकांत दास ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने का अनुमान आईएमएफ से लेकर कई संस्थाओं ने दिया है और ये सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ेगी. रेपो रेट के अलावा आरबीआई ने SDF को 4.65 फीसदी से बढ़ाकर 5.15 फीसदी कर दिया है. इसके अलावा मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट यानी MSF को 5.15 फीसदी से बढ़ाकर 5.65 फीसदी कर दिया है.
रुपये की गिरावट पर आरबीआई ने क्या कहा
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय रुपये में आ रही गिरावट के पीछे का मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर में लगातार आ रही मजबूती है. हालांकि अन्य ग्लोबल करेंसी के मुकाबले रुपये में तुलनात्मक रूप से गिरावट कम है. आरबीआई की नीतियों के कारण रुपये में गिरावट पर लगाम लगी है. भारत में चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है और पहली तिमाही में देश में 1360 करोड़ डॉलर का एफडीआई निवेश आया है.
भारतीय इकोनॉमी पर भी दबाव- आरबीआई गवर्नर
इस समय ग्लोबलाइजेशन और ग्लोबल इकोनॉमी के ऊपर दबाव साफ देखा जा रहा है. उभरते बाजारों पर भी वैश्विक अर्थव्यवस्था के बदलते परिदृश्य का असर देखा जा रहा है. भारतीय अर्थव्यवस्था भी ग्लोबल इकोनॉमी की बदलती परिस्थितियों से अछूती नहीं है और देश में महंगाई को लेकर चिंताएं बरकरार हैं. देश का एक्सपोर्ट और इंपोर्ट के आंकड़ों में बदलाव का असर करेंट अकाउंट डेफिसिट की तय लिमिट के अंदर रहने की उम्मीद है.
क्या है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट
रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI द्वारा बैंकों को कर्ज दिया जाता है और बैंक इसी कर्ज से ग्राहकों को लोन देते हैं. रिवर्स रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंकों की ओर से जमा राशि पर RBI से उन्हें ब्याज मिलता है. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के लोन महंगे हो जाएंगे.
क्या है एमपीसी
मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी यानी एमपीसी की तीन दिन तक चलने वाली मीटिंग में ही रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट पर फैसला लिया जाता है. रिजर्व बैंक की एमपीसी में 6 सदस्य होते हैं जिनमें से 3 सदस्य सरकार के प्रतिनिधि होते हैं. बाकी 3 सदस्य भारतीय रिजर्व बैंक का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें आरबीआई गवर्नर भी शामिल हैं.
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