RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज अपनी मॉनिटरी पॉलिसी का एलान कर दिया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज एलान किया कि रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की जा रही है. इसके बाद रेपो रेट बढ़कर 6.25 फीसदी पर आ चुका है. शक्तिकांत दास ने बताया कि एमपीसी के 6 सदस्यों में से 5 ने बहुमत से रेपो रेट को बढ़ाने का पक्ष लिया और इसके बाद आरबीआई ने रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है. आरबीआई ने लगातार पांचवीं बार ब्याज दरों में इजाफा कर दिया है.


आम जनता पर क्या होगा असर


आपके लिए जानना जरूरी है कि इसके बाद आपके लोन की ईएमआई में इजाफा होने वाला है और आपके लिए लोन लेने महंगे हो जाएंगे. रेपो रेट बढ़ने से बैंकों के कर्ज की दरें बढ़ती हैं जिसका असर ग्राहकों पर आ जाता है.


आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्या कहा


आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हम एक और चुनौतीपूर्ण साल के अंत में आ गए हैं और देश में ही नहीं दुनिया के कई देशों में महंगाई दर बढ़ती देखी गई है. देश में सप्लाई चेन की स्थिति को ग्लोबल जियो पॉलिटिकल परिस्थितियों के कारण चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. बैंक क्रेडिट ग्रोथ लगातार आठ महीनों से दहाई अंकों से ऊपर आ रही है जबकि महंगाई दर ऊपरी स्तरों पर बनी हुई है. 


इकोनॉमी को लेकर शक्तिकांत दास ने क्या कहा


शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी बनी रहेगी और भारत के मैक्रो इकोनॉमिक फंडामेंटल मजबूत हैं. सरकार के केपैक्स से इकोनॉमी को फायदा मिला है.  


महंगाई पर आरबीआई ने क्या कहा


आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इस साल के लिए अभी महंगाई दर का तय लक्ष्य दूर है. हालांकि अक्टूबर में रिटेल महंगाई दर में कमी देखी गई है. वित्त वर्ष 2023 के लिए महंगाई दर के 6.7 फीसदी पर रहने का अनुमान है.


देश की आर्थिक विकास दर को लेकर क्या कहा गया


शक्तिकांत दास ने कहा कि देश की आर्थिक विकास दर (जीडीपी) के लिए अनुमान को 7 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी किया जा रहा है. ग्लोबल इकोनॉमी में अभी काफी अनिश्चितताएं हैं और इसका असर भारतीय इकोनॉमी पर आना स्वाभाविक है फिर भी इंडियन इकोनॉमी तेज गति से ग्रोथ हासिल करती रहेगी.


आरबीआई का क्या रुख है


आरबीआई का मॉनिटरी पॉलिसी को लेकर 'विड्रॉल ऑफ अकोमडेशन' का रुख बरकरार है और आज की पॉलिसी में बैंक रेट और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसलिटी की दरों में भी 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. इसके बाद बैंक रेट और एमएसएफ 6.50-6.50 फीसदी पर आ चुके हैं.


आरबीआई पिछली तीन एमपीसी बैठक में बढ़ा चुका है 1.90 फीसदी दरें


रिजर्व बैंक अपनी पिछली तीन मौद्रिक नीति समिति की बैठक में कुल मिलाकर 1.90 फीसदी का इजाफा रेपो रेट में कर चुका है. इसमें से मई में 40 बेसिस पॉइंट और जून व अगस्त में 50-50 बेसिस पॉइंट का इजाफा किया था. आज से पहले रेपो रेट 5.90 फीसदी पर था और आज रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6.25 फीसदी पर आ चुका है.


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