RBI MPC Meeting: ब्याज दरें निर्धारित करने के लिए बैंकिंग सेक्टर के रेग्यूलेटर भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की तीन दिवसीय बैठक आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में बुधवार 4 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है. 6 अक्टूबर को आरबीआई एमपीसी बैठक के नतीजों की घोषणा करेंगे जिसमें ये माना जा रहा है कि आरबीआई रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा.
बाजार को ये उम्मीद है कि आरबीआई लगातार चौथी मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला ले सकता है. दरअसल अगस्त 2023 में खुदरा महंगाई दर जुलाई 2023 के 7.44 फीसदी के मुकाबले घटकर 6.83 फीसदी पर गया है. 12 अक्टूबर को सितंबर महीने के लिए खुदरा महंगाई दर के आंकड़े घोषित होंगे उसके पहले आरबीआई रेपो रेट पर अपने फैसले का ऐलान करेगा. लेकिन बाजार को ये उम्मीद है कि सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर में और कमी आ सकती है. लेकिन इस मानसून सीजन में असामान्य बारिश और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आरबीआई के लिए चुनौती बनी हुई है.
पहले कम बारिश के चलते खरीफ फसल से लेकर रबी फसल पर असर पड़ने की आशंका जाहिर की जा रही थी जिससे खाद्य महंगाई में इजाफा देखा जा सकता था. लेकिन सितंबर महीने में जोरदार बारिश ने कमी को पूरी कर दी है. और अब बेहतर रबी फसल की उम्मीद की जा रही है. ऐसे में कोर इंफ्लेशन के साथ खाद्य महंगाई में कमी आई है तो ये आरबीआई के राहत लेकर आएगी. खुदरा महंगाई दर अभी भी आरबीआई के टोलरेंस बैंड के उपरी लेवल 6 फीसदी से ज्यादा है. आरबीआई ने महंगाई दर को 4 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा है. इस लेवल पर महंगाई दर के आने के बाद ही महंगे कर्ज से राहत की कोई उम्मीद की जा सकती है. हालांकि फिलहाल ये दूर की कौड़ी नजर आ रही है.
मई 2022 के बाद से लेकर फरवरी 2023 तक आरबीआई ने अपने पॉलिसी रेट रेपो रेट में 2.50 फीसदी का इजाफा किया है. जिसके चलते होम लोन समेत सभी प्रकार के लोन महंगे हो चुके हैं. बीते दो वर्षों में लोगों के होम लोन की ईएमआई 20 फीसदी तक महंगी हो चुकी है.
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