Bank Interest Rate: कम होगी ईएमआई या बढ़ जाएगा ब्याज! बस दो दिन में आपको हो जाएगा मालूम
RBI MPC August 2023: ब्याज दरों को घटाने, बढ़ाने या स्थिर रखने का फैसला रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति करती है, जिसकी ताजी बैठक कल से शुरू होने जा रही है...
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रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक कल मंगलवार से शुरू होने वाली है. 8 अगस्त से शुरू हो रही एमपीसी की इस बैठक में ब्याज दरों के बारे में फैसला लिया जाएगा. इसी बैठक में यह तय होगा कि आपको ईएमआई के बढ़े बोझ से कोई राहत मिलती है या आपको हर महीने पहले से ज्यादा ब्याज भरने की तैयारी करनी है.
फिर से चिंता बढ़ाने लगी महंगाई
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की यह बैठक ऐसे समय शुरू हो रही है, जब महंगाई एक बार फिर से चिंता बढ़ाने लग गई है. ऐसे में इस बात का खतरा बढ़ गया है कि रिजर्व बैंक फिर से नीतिगत दर यानी रेपो रेट को कहीं बढ़ाने का फैसला न कर ले. हालांकि इससे पहले लगातार दो बैठकों में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को स्थिर रखा था और अब उम्मीद की जा रही थी कि साल-डेढ़ साल की तेजी के बाद अब रेपो रेट को कम करने की शुरुआत हो सकती है.
10 अगस्त को सामने आएंगे नतीजे
आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक 10 अगस्त तक चलेगी. उसके बाद गवर्नर शक्तिकांत दास 10 अगस्त दिन गुरुवार को एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देंगे. अगर रिजर्व बैंक की एमपीसी में रेपो रेट को बढ़ाया जाता है, तो आपके ऊपर हर महीने की ईएमआई का बोझ बढ़ जाएगा. वहीं रेपो रेट में कटौती हुई तो आपको कर्ज देने वाले बैंक भी ब्याज दरें कम करेंगे.
मई 2022 से रेपो रेट में बढ़ोतरी
आरबीआई ने ब्याज दर में बढ़ोतरी का सिलसिला पिछले साल मई में शुरू किया था. रिजर्व बैंक ने मई 2022 में मौद्रिक नीति समिति की आपात बैठक बुलाई थी. उसके बाद आनन-फानन में एमपीसी ने रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला लिया था. मई 2022 से पहले लंबे समय से रेपो रेट 4 फीसदी पर बनी हुई थी. उसके बाद रिजर्व बैंक ने इसमें लगातार बढ़ोतरी की और साल भर के अंतराल में रेपो रेट को 2.50 फीसदी बढ़ाया गया.
अभी इतनी है खुदरा महंगाई की दर
अभी रिजर्व बैंक की रेपो रेट 6.5 फीसदी है. रेपो रेट को फरवरी 2023 के बाद से नहीं बढ़ाया गया है. कल शुरू हो रही बैठक से पहले चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल और जून में रिजर्व बैंक की दो नीतिगत समीक्षाएं हो चुकी हैं और दोनों में नीतिगत दर को स्थिर रखा गया है. दरअसल खुदरा महंगाई दर में कमी आने से रिजर्व बैंक को रेपो रेट स्थिर रखने का फैसला करने में मदद मिल रही थी, लेकिन पिछले 1-2 महीने से महंगाई फिर से तेज हो रही है. जून महीने के दौरान खुदरा महंगाई दर तीन महीने के उच्च स्तर 4.81 फीसदी पर पहुंच गई.
क्या है इस मामले में एक्सपर्ट की राय
हालांकि इसके बाद भी कई एक्सपर्ट कह रहे हैं कि रिजर्व बैंक अगस्त बैठक में भी बदलाव नहीं करने के पिछली दो बार के ट्रेंड को बरकरार रख सकता है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजिस्ट डॉ वीके विजयकुमार का कहना है कि बढ़ी महंगाई से रिजर्व बैंक को चिंता तो होगी, लेकिन इससे नतीजे पर खास असर नहीं होगा, क्योंकि ये मौसमी कारणों से है. अर्थव्यवस्था में मजबूत वृद्धि दिख रही है और आरबीआई उसमें खलल नहीं डालना चाहेगा.
वहीं एचडीएफसी सिक्योरिटीज के हेड ऑफ रिटेल रिसर्च दीपक जासानी कहते हैं, जून में खुदरा महंगाई में हल्की तेजी देखी गई और उसका प्रमुख कारण सब्जियों व दालों के दाम में बढ़ोतरी है. ऐसे में रिजर्व बैंक कोई जल्दीबाजी नहीं करेगा, न तो दरों को कम करने में और न ही रुख को बदलने में. महंगाई जुलाई और अगस्त में भी ऊंची बनी रह सकती है. तेल की कीमतें भी बढ़ने लगी हैं. हालांकि हम अगस्त बैठक में रेपो रेट बढ़ाने की राह पर रिजर्व बैंक के लौटने का अनुमान नहीं रखते हैं.
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