RBI MPC Meeting: और महंगी हो सकती है EMI, 5 अगस्त को लगातार तीसरी बार RBI 50 बेसिस प्वाइंट तक बढ़ा सकता है रेपो रेट
RBI MPC Meet: 3 से 5 अगस्त के बीच आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक होने वाली है. जिसमें माना जा रहा आरबीआई रेपो रेट में 25 से 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी का ऐलान कर सकता है.
RBI Repo Rate Hike Likely: ब्याज दरें फिर से बढ़ने के आसार हैं. आपके होम लोन की ईएमआई और महंगी हो सकती है. दरअसल अगस्त महीने के पहले हफ्ते में 3 से 5 अगस्त के बीच आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक होने वाली है. जिसमें माना जा रहा आरबीआई रेपो रेट में 25 से 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी का ऐलान कर सकता है. ऐसा हुआ तो जहां बैंकों से होम लोन से लेकर कार लोन और एजुकेशन लोन लेना महंगा हो जाएगा. वहीं जिन लोगों की पहले से होम लोन की ईएमआई चल रही है उनकी ईएमआई महंगी हो जाएगी.
कमोडिटी में गिरावट पर महंगे डॉलर ने फेरा पानी
दरअसल विकसित देशों में मंदी आने के खतरे के चलते हाल के दिनों में कमोडिटी के दामों में कमी आई है जिससे महंगाई कम होने की उम्मीद है. हालांकि कच्चे तेल के दामों में तेजी बनी हुई है. भारतीय तेल कंपनियों के लिए कच्चे तेल खरीद का औसत मूल्य 105.26 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ है. लेकिन डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से मुश्किलें बढ़ी है. आयात महंगा हो गया है. जिसने कमोडिटी प्राइसेज में कमी पर पानी फेर दिया है. जून महीने में खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस लेवल से ऊपर 7.01 फीसदी पर बना हुआ है. वहीं अमेरिका के फेड रिजर्व के ब्याज दर बढ़ाये जाने की संभावना है. माना जा रहा है कि फेड रिटर्न 75 बेसिस प्वाइंट रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है.
रेपो रेट में 25 से 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी संभव
ऐसे में कई जानकारों का मानना है कि आरबीआई अगस्त महीने में रेपो रेट में 25 से 50 बेसिस प्वाइंट तक की बढ़ोतरी कर सकता है. बैंक ऑफ बड़ौदा का मानना है कि रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी हो सकती है तो एचडीएफसी बैंक के मुताबिक रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी संभव है. आपके बता दें इससे पहले दो मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में आरबीआई रेपो रेट में 90 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर चुका है. इस समय रेपो रेट 4.90 फीसदी है. हालांकि कई जानकार ज्यादा ब्याज दर बढ़ाने को लेकर आगाह भी कर रहे हैं क्योंकि देश में इस समय मांग बेहद कम है. ब्याज दरें और बढ़ी तो मांग बढ़ाने में दिक्कत होगी और उसका खामियाजा कई सेक्टर्स को उठाना पड़ सकता है.
आरबीआई की चुनौती
आपको बता दें अगर महंगाई दर औसतन 6 फीसदी से ऊपर लगातार अगले तीन महीनों तक रहता है तो आरबीआई को लिखित में सरकार को सफाई देनी पड़ेगी कि क्यों वो महंगाई दर को 6 फीसदी से नीचे रखने में विफल रहा है. साथ ही आरबीआई से महंगाई कम करने के उपायों और 6 फीसदी से नीचे लाने के समया अवधि के बारे में भी पूछा जाएगा.
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