RBI MPC Decisions: आरबीआई ने CRR में की 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती, आर्थिक विकास को मिलेगी रफ्तार, सस्ती नहीं हुई EMI
RBI CRR Cut: आरबीआई के कैश रिजर्व रेश्यो में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती से बैंकिंग सिस्टम में 1.16 लाख करोड़ रुपये का एडिशनल कैश आएगा जिससे बैंक ज्यादा कर्ज बांट सकेंगे.
RBI MPC Meeting: आरबीआई ने देश के आर्थिक विकास की रफ्तार की गति के धीमे पड़ने के बाद मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में बड़ा फैसला लिया है. आरबीआई ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) को 4.50 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दिया है. इस फैसले से बैंकिंग सिस्टम में नगदी बढ़ाने में मदद मिलेगी जिससे बैंक, ग्रोथ को रफ्तार देने के लिए ज्यादा से ज्यादा कर्ज बांट सकेंगे. आरबीआई के इस फैसले से 1.16 लाख करोड़ रुपये की नगदी को बढ़ाने में मदद मिलेगी. हालांकि आरबीआई ने महंगी ईएमआई (EMI) से राहत नहीं दी है. सेंट्रल बैंक ने अपने पॉलिसी रेट यानी रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. फरवरी 2023 के बाद से ही रेपो रेट की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
RBI ने घटाया CRR
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कैश रिजर्व रेश्यो (Cash Reserve Ratio) में में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती का एलान किया है. सीआरआर को 4.50 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दिया है. कैश रिजर्व रेश्यो में कटौती को दो चरणों में लागू किया जाएगा. इससे बैंकिंग सिस्टम में 1.16 लाख करोड़ रुपये का एडिशनल कैश आएगा.
महंगाई पर नियंत्रण के साथ ग्रोथ भी जरूरी
आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की तीन दिवसीय बैठक 4 दिसंबर को शुरू हुई थी और बैठक में लिए गए फैसलों का आज एलान किया गया है. आरबीआई गवर्नर ने कहा, हमारा लक्ष्य महंगाई पर नियंत्रण रखना है और ग्रोथ को बनाए रखते हुए कीमतों को स्थिर रखना है. आरबीआई गवर्नर ने कहा, कीमतों को स्थिर रखना सबसे जरूरी है पर साथ में ग्रोथ को बनाए रखना भी जरूरी है और यही आरबीआई के एक्ट में भी कहा गया है.
शहरों इलाकों में घट रही डिमांड
जीडीपी ग्रोथ रेट में गिरावट पर आरबीआई गवर्नर ने कहा, आर्थिक विकास दर में गिरावट की वजह इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में गिरावट आई है. मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इंडस्ट्रियल ग्रोथ 7.2 फीसदी थी जो दूसरी तिमाही में घटकर 2.1 फीसदी पर आ गई. उन्होंने कहा, मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ रेट घटा है. आरबीआई गवर्नर ने कहा, ग्रामीण इलाकों में डिमांड बढ़ा है पर शहरों इलाकों में डिमांड में नरमी देखी जा रही है.
आरबीआई ने घटाया जीडीपी अनुमान
आरबीआई ने अपने ग्रोथ रेट के अनुमान को घटा दिया है. वित्त वर्ष 2024-25 में आरबीआई ने 6.6 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट रहने का अनुमान जताया है जो पहला 7.2 फीसदी रहा था. आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीपीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही के लिए 6.8 फीसदी कर दिया है.
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