RBI MPC Meeting: वित्त वर्ष 22-23 में महंगाई दर का अनुमान 6.7 फीसदी पर बरकरार-शक्तिकांत दास
RBI MPC: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश में बढ़ती महंगाई के असर को काबू रखने के लिए रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा कर दिया है. हालांकि वित्त वर्ष 2023 के लिए महंगाई दर का अनुमान 6.7 फीसदी पर बरकरार है.
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RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज अपनी मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC Meeting) के फैसलों का एलान कर दिया है. इसमें रेपो रेट (Repo Rate) में 0.50 फीसदी का इजाफा कर दिया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने मौद्रिक नीति समिति के फैसलों का एलान करते हुए कहा कि रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की जा रही है. अब रेपो रेट 5.90 फीसदी पर आ गया है जो पहले 5.40 फीसदी पर था. ये तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है.
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्या कहा
शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने चुनौतियां हैं और जियो-पॉलिटिकल परिस्थियों में बदलाव का असर भी देखा जा रहा है. पिछले 2.5 सालों में दुनिया ने दो बड़े ग्लोबल बदलाव देखे हैं और ये थे कोविड का संकटकाल और रूस-यूक्रेन युद्ध. लगातार चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने इसका उचित तरीके से सामना किया है. देश में ग्रामीण डिमांड में तेजी देखने को मिली है और निवेश की स्थितियों में भी सुधार देखने को मिला है. हालांकि अब महंगाई दर के काबू में आने की उम्मीदें हैं. वित्त वर्ष 2023 के लिए महंगाई दर का अनुमान 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा गया है.
महंगाई को लेकर शक्तिकांत दास ने क्या कहा
शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई की दरें अभी भी ऊंची बनी हुई हैं और देश को आयातित प्रोडक्ट्स की ऊंची दरों का सामना करना पड़ रहा है. इसके पीछे करेंसी की बढ़ती कीमतें भी कारण हैं. भारत में महंगाई दर के आगे भी बढ़ने की आशंका है पर भारत की स्थिति कई इमर्जिंग इकोनॉमी के मुकाबले काफी बेहतर है. शक्तिकांत दास ने कहा है कि आरबीआई का अकोमोडेटिव विड्ऱॉल रुख बरकरार है और इसके पीछे इंफ्लेशन रेट का लगातार बढ़ना एक बड़ा कारण है.
वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में 6 फीसदी रह सकती है महंगाई दर
ग्लोबल बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हालिया नरमी अगर कायम रही तो महंगाई के मोर्चे पर राहत मिल सकती है. शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही में महंगाई दर छह फीसदी के आसपास रहने की उम्मीद है. महंगाई की ऊंची दर को देखते हुए मौद्रिक नीति समिति का सूझ-बूझ के साथ मौद्रिक नीति को लेकर उदार रुख को वापस लेने पर कायम रहने का फैसला लिया गया है.
शक्तिकांत दास के अनुसार बुवाई का रकबा कम होने से गेहूं, चावल और दालों पर कीमतों का दबाव हो सकता है. सब्जियों के दाम भी बढ़ सकते हैं. लिहाजा इस वित्त वर्ष महंगाई दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान है.
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