RBI MPC Meeting: बैंक में पड़ी अनक्लेम्ड राशि पर RBI ने लिया बड़ा फैसला, जल्द बनेगा एक यूनिफाइड पोर्टल
Unclaimed Deposits: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को ऐलान किया कि बैंकों में पड़ी अनक्लेम्ड राशि के लिए आरबीआई के यूनिफाइड पोर्टल तैयार करेगा.
Unified Portal for Unclaimed Deposits: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने गुरुवार को हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए. इसमें बैंकों में पड़ी अनक्लेम्ड डिपॉजिट (RBI to Develop Unified Portal for Unclaimed Deposits) को लेकर लिया गया निर्णय भी शामिल है. आरबीआई ने गुरुवार को ऐलान किया कि वह बैंकों में जमा बिना दावे की राशि के लिए एक यूनिफाइड पोर्टल लॉन्च करेगा. ध्यान देने वाली बात ये है कि बैंकों में बड़ी मात्रा में ऐसे खाते हैं जिसमें सालों से किसी प्रकार का लेनदेन नहीं हुआ है. फरवरी, 2023 तक के आंकड़ों के मुताबिक पब्लिक सेक्टर के बैंकों में कुल 35,000 करोड़ रुपये जमा है जिसके खातों में पिछले 10 सालों में किसी तरह का ट्रांजैक्शन नहीं हुआ है.
एक वेब पोर्टल को किया जाएगा शुरू
गुरुवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक (RBI MPC Meeting) के नतीजों के बारे में ऐलान किया. इसमें आरबीआई गवर्नर ने बैंकों में जमा बिना दावे की राशि के लिए एक पोर्टल बनाए जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि ग्राहकों की बैंकों तक पहुंच बढ़ाने के लिए कुछ सुधार करने की आवश्यकता है. इसके लिए अनक्लेम्ड डिपॉजिट राशि के एक पोर्टल बनाया जाएगा. इस पोर्टल के जरिए अलग-अलग बैंकों में पड़ी बिना दावे का राशि का आसानी से पता लगाया जा सकेगा.
बैंकों में पड़ी है 35,012 करोड़ रुपये की बगैर दावे वाली जमा राशि
लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड के एक लिखित जवाब देते हुए बताया था कि फरवरी, 2023 तक देश के अलग-अलग पब्लिक सेक्टर बैंकों में कुल 35,012 करोड़ रुपये ऐसे जमा है जिसका कोई दावेदार नहीं हैं. इसमें सबसे ज्यादा राशि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा है. एसबीआई में कुल 8,086 करोड़ रुपये बगैर दावे वाली राशि जमा है. वहीं दूसरे नंबर पर पंजाब नेशनल बैंक में कुल 5,340 करोड़ रुपये की राशि जमा है. वहीं केनरा बैंक में कुल 4,558 करोड़ रुपये की अनक्लेम्ड डिपॉजिट राशि जमा है.
क्या होता है अनक्लेम्ड राशि का?
रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार अगर किसी सेविंग या करंट खाते में जमा राशि को 10 सालों तक नहीं ऑपरेट किया जाता है या किसी एफडी की मैच्योरिटी के 10 साल के बाद भी इसे क्लेम नहीं किया जाता है तो उसे अनक्लेम्ड राशि कहते हैं. इस तरह की राशि को आरबीआई द्वारा बनाए गए 'डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड' में ट्रांसफर कर दिया जाता है.
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