RBI MPC Meeting: RBI देगा ब्याज दर में बढ़ोतरी का झटका या मिलेगी राहत, इस दिन हो जाएगा कंफर्म
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की बैठक होने वाली है. आरबीआई ने मई 2022 से फरवरी 2023 तक रेपो दर में कुल 250 आधार अंक की बढ़ोतरी की है.
RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की इस हफ्ते होने वाली मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक होने वाली है. ऐसे में केंद्रीय बैंक ब्याज दरों को होल्ड रख सकता है. हालांकि कुछ खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए दरों पर विस्तार से चर्चा हो सकती है. आरबीआई की मौद्रिक नीति की बैठक 8 से 10 अगस्त तक चलने वाली है. ऐसे में ब्याज दर बढ़ेगी या फिर स्थिर रहेगी, बैठक के बाद कंफर्म हो जाएगा. ईटी की रिपोर्ट, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति रेपो दर को 6.50 फीसदी पर अपरिवर्तित रहने वाली है.
एमपीसी ने बढ़ी हुई मुद्रास्फीति से निपटने के लिए मई 2022 से फरवरी 2023 तक रेपो दर में कुल 250 आधार अंक की बढ़ोतरी की है. जबकि मार्च, अप्रैल और मई में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में तेज गिरावट दर्ज की गई, जून में प्राइस बढ़ाना शुरू हो चुकी है. सब्जियों की कीमतें सख्त ज्यादा तेजी से बढ़ी है. खासकर टमाटर की कीमत ने जबरदस्त उछाल दर्ज की है.
वहीं यह बढ़ोतरी जुलाई में भी जारी रहने की उम्मीद है. कई एक्सपर्ट का अनुमान है कि सीपीआई महंगाई दर जून में 4.81 फीसदी के मुकाबले 6.0-6.5 फीसदी रहेगी. वहीं सीपीआई मुद्रास्फीति के लिए एमपीसी का टोलेरेंस बैंड 2-6 फीसदी है. वहीं बाकी महंगाई दर को मैंनेज करने के लिए एक मजबूत फोकस होने की संभावना है. एक्सपर्ट का कहना है कि महंगाई दर 6 फीसदी के ऊपर रहने की उम्मीद है.
एमपीसी, जिसने वित्त वर्ष 2014 में सीपीआई मुद्रास्फीति 5.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, चालू तिमाही में 5.2 फीसदी पर गेज देखती है. अप्रैल की मौद्रिक नीति रिपोर्ट में, आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025 के लिए औसत मुद्रास्फीति 4.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. एक्सपर्ट्स ने कहा कि अगर केंद्रीय बैंक अगले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के लिए महंगाई दर का पूर्वानुमान 5 फीसदी से नीचे रखता है, तो बाजार ब्याज दरों पर लंबे समय तक रोक लगा सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भोजन और ईंधन के अस्थिर घटकों को हटा दें तो जून में नहीं बढ़ी और 5.5 फीसदी के निशान से काफी नीचे रही है. वहीं सब्जियों और दालों की कीमतें बढ़ने के कारण महंगाई दर 6 फीसदी के स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है. तथ्य यह है कि अन्य केंद्रीय बैंक दरें बढ़ा रहे हैं. ऐसे में आरबीआई दरों को स्थिर रखने की पूरी कोशिश कर सकता है.
वहीं एक दूसरे एक्सपर्ट के मुताबिक दरों में रुकावट से लेकर नरमी की ओर जाने का समय घरेलू विचारों से प्रेरित होगा. विशेष रूप से आने वाले गतिविधि संकेतकों में कमजोरी के संकेत जबकि मुद्रास्फीति लक्ष्य सीमा के मध्य-बिंदु के करीब है.
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