(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
RBI MPC Meeting: बेमौसम बारिश-OPEC देशों के फैसले से सस्ते कर्ज की उम्मीदों पर फिर सकता है पानी! गुरुवार को RBI करेगा मॉनिटरी पॉलिसी का एलान
RBI Repo Rate: 2022-23 में आरबीआई ने अपने सात पॉलिसी बैठकों में छह बार रेपो रेट बढ़ाने का फैसला किया था.
RBI MPC Meeting: वित्त वर्ष 2023-24 के पहले मॉनिटरी पॉलिसी का एलान भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास गुरुवार 6 अप्रैल 2023 को करने वाले हैं. बाजार से लेकर सभी कर्जदारों की नजरें आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी के बैठक के नतीजों पर टिकी होंगी जिसकी घोषणा गवर्नर करेंगे. मौजूदा वैश्विक आर्थिक हालात और जीडीपी के आंकड़ो में गिरावट के बाद ये उम्मीद जताई जा रही थी कि आरबीआई और ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला ना ले. लेकिन फरवरी में तापमान में बढ़ोतरी और मार्च अप्रैल में बेमौसम बारिश के साथ ओपेक देशों के कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के फैसले के बाद माना जा रहा है कि गुरुवार को रेपो रेट में आरबीआई एक चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है.
वित्त वर्ष 2022-23 में आरबीआई ने सात मॉनिटरी पॉलिसी बैठकों में से छह बैठकों में रेपो रेट बढ़ाने का फैसला लिया था. रेपो रेट को सीधे 4 फीसदी से बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया गया. लेकिन अब एक बार फिर रेपो रेट बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है. फरवरी 2023 के लिए जो खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा घोषित हुए था उसमें खुदरा महंगाई दर 6.44 फीसदी रही है जो आरबीआई के खुद के टोलरेंस बैंड 6 फीसदी से ज्यादा है. आरबीआई इसे नीचे लाने के लिए लगातार ब्याज दरें बढ़ाता रहा है लेकिन उसका खामियाजा अर्थव्यवस्था को महंगे कर्ज के तौर पर उठाना पड़ा है. तो जिन लोगों ने बैंकों से सस्ते में होम लोन लिया था उनकी ईएमआई बहुत महंगी हो चुकी है. यहां से और ज्यादा कर्ज महंगा हुआ तो उनकी मुश्किलें और बढ़ेंगी.
महंगे कर्ज का असर ऑटोमोबाइल सेक्टर से लेकर रियल एस्टेट सेक्टर पर दिखने लगा है. इन दोनों सेक्टरों के ग्रोथ की रफ्तार घटी है. लेकिन जिस महंगाई को घटाने के मकसद से आरबीआई कर्ज महंगा करता रहा है उसपर पानी फिरता नजर आ रहा है. बेमौसम बारिश के चलते गेहूं, सरसों जैसी रबी फसलों को नुकसान होने की बात की जा रही है. ऐसे में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी की संभावना फिलहाल कम नजर आती है. कच्चे तेल के उत्पादन देश ओपेक-प्लस ने उत्पादन घटाने का फैसला किया है इससे कच्चे तेल के दामों में उछाल देखने को मिल सकता है. ऐसे में पेट्रोल डीजल के सस्ते होने की संभावना अब कम नजर आ रही है.
इन कारणों के चलते महंगाई कम होने के आरबीआई गवर्नर की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है. अपनी मॉनिटरी पॉलिसी एलान में आरबीआई गवर्नर 2023-24 के महंगाई दर के आंकड़ों के लक्ष्य के साथ जीडीपी आकड़ों का अनुमान भी बतायेंगे.
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