(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
RBI MPC Meeting: महंगाई का फूटा बम, आरबीआई का फूला दम ! एमपीसी बैठक में क्या होगा खास-जानें
RBI MPC Meeting Reasons: देश का केंद्रीय बैंक आरबीआई 3 नवंबर को होने वाली एमपीसी की स्पेशल मीटिंग में ऐसा क्या खास करने वाला है जो महंगाई दर से सीधा जुड़ा हुआ मामला है, आप भी लीजिए इसकी जानकारी.
RBI MPC Meeting: कल शाम खबर आई कि आगामी 3 नवंबर को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आयोजित करेगा जो कि एक ऑफ साइकिल बैठक होगी यानी ये पूर्व निर्धारित बैठक नहीं है. आरबीआई ने ये बैठक ऐसे समय में बुलाई है जब वह अपने महंगाई दर के तय लक्ष्य को पिछली तीन तिमाहियों यानी 9 महीनों से हासिल करने में विफल रहा है.
देश में महंगाई बम, आरबीआई का फूला दम!
आरबीआई की तय मीटिंग हालांकि दिसंबर की 5-7 तारीख को शेड्यूल्ड है लेकिन इससे एक महीने पहले बुलाई गई अप्रत्याशित मीटिंग का सारा फोकस देश में बढ़ती महंगाई दर है. ये आरबीआई की ओर से जारी स्टेटमेंट में भी साफ किया जा चुका है कि इस बैठक में एमपीसी के सदस्य देश में महंगाई दर के कारणों पर चर्चा करेंगे. आरबीआई उन विषयों पर ध्यान देगा जो कि मुद्रास्फीति दर के काबू में ना आ पाने के पीछे के कारण रहे हैं.
सरकार को देनी होगी रिपोर्ट
एमपीसी की तीन नवंबर को एक विशेष बैठक में मुद्रास्फीति को लगातार तीन तिमाहियों तक छह प्रतिशत से नीचे रख पाने में नाकामी से जुड़ी रिपोर्ट तैयार की जाएगी, और इस रिपोर्ट को इसके बाद सरकार को सौंपा जाएगा. आरबीआई ने एक बयान जारी कर कल कहा कि आरबीआई अधिनियम की धारा 45जेडएन के प्रावधानों के अनुरूप मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन नवंबर को एक विशेष बैठक बुलाई गई है.
क्यों बुलानी पड़ी आरबीआई को स्पेशल मीटिंग
आरबीआई अधिनियम की इस धारा में प्रावधान है कि मुद्रास्फीति को सरकार की तरफ से तय सीमा के भीतर रख पाने में लगातार तीन तिमाहियों तक नाकाम रहने पर केंद्रीय बैंक को इसके बारे में सरकार को रिपोर्ट देनी होती है. सरकार ने मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत कम या अधिक) पर सीमित रखने का लक्ष्य देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई को दिया हुआ है, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद आरबीआई महंगाई दर को छह फीसदी के अंदर सीमित रख पाने में नाकाम रहा.
इस साल जनवरी से ही देश में महंगाई दर लगातार छह फीसदी के ऊपर बनी हुई है. पिछले रिटेल महंगाई दर के आंकड़ों में सितंबर में खुदरा महंगाई 7.41 फीसदी रही. इस तरह आरबीआई लगातार तीन तिमाहियों से अपने इंफ्लेशन टार्गेट को हासिल करने में नाकाम रहा है. लिहाजा वैधानिक प्रावधानों के अनुरूप उसे सरकार को इसपर रिपोर्ट देनी होगी.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में छह-सदस्यीय एमपीसी सरकार को सौंपने के लिए खास रिपोर्ट तैयार करेगी. इस रिपोर्ट में उन वजहों का जिक्र किया जाएगा जिनकी वजह से आरबीआई निर्धारित मुद्रास्फीति लक्ष्य को हासिल कर पाने में नाकाम रहा है. इसके अलावा अब देश में महंगाई दर को नीचे लाने के लिए किए क्या कोशिशें की जा रही हैं, उनका ब्योरा भी इस रिपोर्ट में दिया जाएगा.
सार्वजनिक नहीं की जाएगी रिपोर्ट
एमपीसी की पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि आरबीआई महंगाई लक्ष्य से चूकने पर सरकार को सौंपी जाने वाली जानकारी को विशिष्ट मानता है और इसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा.
मई में भी हुई थी एक ऑफ-साइकिल बैठक- बढ़ी थीं दरें
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 7.41 फीसदी हो गई और रिटेल महंगााई दर पिछली तीन तिमाहियों से आरबीआई की सहनशीलता सीमा से परे बनी हुई है. महंगाई दर संबंधी चिंताओं ने पहले आरबीआई के दर निर्धारण पैनल को इस साल मई में हुई एक बैठक के दौरान रेपो रेट में वृद्धि करने के लिए मजबूर किया था, जो एक ऑफ-साइकिल बैठक भी थी.
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