RBI MPC: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 4 दिसंबर से चल रही है और गुरुवार 6 दिसंबर को इसकी मौद्रिक नीति का ऐलान होगा. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के लिए ये क्रेडिट पॉलिसी काफी अहम रहने वाली है. इसमें महंगाई की चिंताओं और दूसरी तिमाही में देश के ग्रोथ रेट में जो गिरावट आई है, उसका आरबीआई को ध्यान रखना होगा. 


नोमुरा का दरों पर अनुमान सबसे अलग


जहां ज्यादातर इकनॉमिस्ट्स और वित्तीय जानकार इस बार भी ब्याज दरों में बिना किसी बदलाव की संभावना वाली क्रेडिट पॉलिसी आने का अनुमान लगा रहे हैं, वहीं जापानी इंवेस्टमेंट बैंक नोमुरा का अनुमान इससे अलग है. नोमुरा के मुताबिक दिसंबर की क्रेडिट पॉलिसी में आरबीआई रेपो रेट में 0.25 फीसदी या 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकता है और इसे 6.25 फीसदी पर ला सकता है. पिछली 10 क्रेडिट पॉलिसी से आरबीआई ने नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है और ये 6.50 फीसदी पर बरकरार है.


2025 के मध्य तक रेपो रेट में कुल 100 बीपीएस की कटौती मुमकिन


नोमुरा ने ये भी अनुमान दिया है कि अगले साल (2025) के मध्य यानी जून तक आरबीआई रेपो रेट को 100 बेसिस पॉइंट या 1 फीसदी घटा सकता है जिसके बाद ये 5.50 फीसदी पर आ जाएगा. इसकी शुरुआत इस कैलेंडर ईयर की आखिरी पॉलिसी यानी कल आने वाली मौद्रिक नीति से हो जाएगी और इसमें चौथाई फीसदी की कटौती देखी जाएगी. आरबीआई ने फरवरी 2023 को आखिरी बार बदला था और इसे 6.5 फीसदी पर लाया गया था.


नोमुरा ने जीडीपी का अनुमान भी घटाया


नोमुरा ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी के अनुमान को भी घटाकर 6 फीसदी कर दिया है और इसको 6.9 फीसदी से कम कर दिया है. इसके अलावा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ग्रोथ अनुमान जो 7.2 परसेंट है, उससे भी कम रहने का एस्टीमेट दिया है.


नोमुरा ने कहा कि जीडीपी ग्रोथ की धीमी रफ्तार से लेकर मॉडरेट क्रेडिट ग्रोथ, महंगाई की तेज होती स्पीड और कमजोर रुपये का संयुक्त असर आरबीआई के फैसले पर देखा जाएगा. इन सब तथ्यों के आधार पर आरबीआई रेट कट का फैसला ले सकता है लेकिन अगर ये ऐसा नहीं करता है तो भी हम भारत के मीडियम टर्म आउटलुक को लेकर पॉजिटिव हैं.


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