नई दिल्लीः कोरोना संकट काल के दौरान आज देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई ने कुछ अहम एलान किए. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े बड़े एलान किए. यहां जानें उनके बयान की बड़ी बातें


आरबीआई की तरफ से आज कुल एक लाख करोड़ रुपये की मदद का एलान किया गया है.


टार्गेटेड लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशंस यानी TLTRO के तहत 50,000 करोड़ रुपये की मदद एमएफआई और एनबीएफसी को जारी की जाएगी.


नाबार्ड, सिडबी और एनएचबी को 50,000 करोड़ रुपये की मदद का एलान किया गया है.


नाबार्ड को 25,0000 करोड़ रुपये, सिडबी को 15 हजार करोड़ रुपये और नेशनल हाउसिंग बोर्ड को 10 हजार करोड़ रुपये की मदद दी गई है.


राज्यों की WMA सीमा को बढ़ाया गया और इसमें 60 फीसदी का इजाफा किया गया.


बैंकों के लिए राहत
आरबीआई ने बैंकों को राहत देते हुए उनके लिए एनपीए नियमों में 90 दिनों की राहत दी है. बैंकों को मोराटोरियम की जो 3 महीने की घोषणा की गई है उसको एनपीए में नहीं गिना जाएगा. शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों और अन्य फाइनेंशियल संस्थानों को अतिरिक्त 20 फीसदी की प्रोविजनिंग करनी होगी. इसके अलावा वित्त वर्ष 2020 से अगले आदेश तक बैंक डिविडेंट नहीं देंगे.


शेड्यूल कमर्शियल बैंकों के लिए लिक्विड कवरेज रेश्यो में भी कटौती की गई है और इसे 100 फीसदी से घटाकर 80 फीसदी किया गया. हालांकि इसमें क्रमवार तरीके से बढ़ाया जाएगा जिसके तहत अक्टूबर 2020 तक इसे बढ़ाकर 90 फीसदी किया जाएगा. इसके बाद अगले वित्त वर्ष के पहले महीने यानी अप्रैल 2021 तक इसे दोबारा 100 फीसदी करा जाएगा. इससे सिस्टम में 6.91 लाख करोड़ रुपये के का सरप्लस आने का अनुमान है जिसके चलते बैंकों के पास इकोनॉमी में इस सरप्लस अमाउंट को डालने का मौका मिलेगा.


यह फैसला लिया गया है कि जहां मोरोटोरियम लागू है या उन लोन अकाउंट को नॉन पफॉर्मिंग ऐसेट में नहीं डाला जाएगा. इससे बैंकों को राहत मिलेगी.


रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती तो की ही गई है जो अब घटकर 3.75 फीसदी हो गया है. इससे बैंक अपना पैसा आरबीआई के पास रखने की बजाए लोगों और उद्योगों को दे पाएंगे और ज्यादा ब्याज हासिल कर पाएंगे.


एनबीएफसी के लिए राहत
एनबीएफसी के पास अब यह सुविधा हो पाएगी कि वो कर्जधारकों को थोड़ी राहत दे सकते हैं. लोन के अकाउंट पर एनबीएफसी का मोरोटोरियम 1 मार्च से 31 मई यानी 3 महीने तक चलेगा. इस दौरान बैंक और एनबीएफसी को इन लोन अकाउंट के लिए 10 फीसदी की अतिरिक्त प्रोविजनिंग करनी होगी.


ऑटोमोबाइल सेक्टर में गिरावट
मार्च में ऑटोमोबाइल के उत्पादन और बिक्री में बड़ी गिरावट दर्ज की गई. एक्सपोर्ट बंद होने के कारण मार्च 2020 में सर्विस पीएमआई घटी है. वहीं इसके अलावा मार्च में एक्सपोर्ट में 34.6 फीसदी की कमी आई है. लॉकडाउन जारी रहने के चलते बिजली की मांग में करीब 25-30 फीसदी की कमी आ चुकी है.


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