आरबीआई ने अर्थव्यवस्था के 26 संकटग्रस्त सेक्टरों को टैप टारगेटेड लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन के दायरे में लाने का फैसला किया है. यह कदम कामत कमेटी की सिफारिशों के आधार पर उठाया गया है. इससे इन सेक्टरों को और फंड मिलेगा. एलटीआरओ के तहत बैंक निर्धारित सेक्टरों में कॉरपोरेट बॉन्ड, कॉमर्शियल पेपर और एनसीडी के जरिये निवेश कर सकते हैं ताकि इकोनॉमी में लिक्विडिटी फ्लो बना रहे. इससे पहले आरबीआई ने पांच सेक्टरों को एलटीआरओ के दायरे में लाने का फैसला किया था.


 9 अक्टूबर को हुआ था एलटीआरओ स्कीम का ऐलान 


एलटीआरओ स्कीम का ऐलान 9 अक्टूबर 2020 को हुआ था. यह योजना 31 मार्च, 2020 तक जारी रहेगी. इसके तहत तीन साल में कुल एक लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन 2.0 का ऐलान किया था. इसके तहत अर्थव्यवस्था के संकटग्रस्त सेक्टरों को वित्तीय मदद और बढ़ाने का फैसला किया गया था.


26 सेक्टरों की वित्तीय मदद की सिफारिश की गई थी


बड़े कॉरपोरेट लोन की रिस्ट्रक्चरिंग की रूपरेखा बनाने के लिए नियुक्त की गई केवी कामथ समिति ने कंस्ट्रक्शन, स्टील, रोड, रियल एस्टेट समेत 26 सेक्टर का चयन रिस्ट्रक्चरिंग योजना के लिए किया था. साथ ही समिति ने रिस्ट्रक्चरिंग की पात्रता तय करने के लिए कुछ मानक निर्धारित किए थे. इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने रिपोर्ट को अपनी मंजूरी दे दी थी.


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