रिजर्व बैंक के एक पैनल ने बड़े कॉरपोरेट घरानों को बैंकिंग लाइसेंस देने की सिफारिश की है. इनमें आदित्य बिड़ला ग्रुप, रिलायंस इडस्ट्रीज और टाटा ग्रुप हो सकते हैं. आरबीआई पैनल का कहना है कि 50 हजार करोड़ रुपये की एसेट साइज वाली बड़ी एनबीएफसी को भी बैंकिंग लाइसेंस दिया जा सकता है बशर्ते उन्होंने अपने ऑपरेशन का दस साल पूरा कर लिया है. आरबीआई पैनल ने बड़े कॉरपोरेट घरानों को बैंकिंग लाइसेंस देने के साथ ही एनबीएफसी को बैंक में बदलने और बैंकों में प्रमोटर की हिस्सेदारी 15 फीसदी से बढ़ा कर 26 फीसदी करने का फैसला किया है. साथ ही नए बैंकों को लिए जरूरी पूंजी 500 करोड़ रुपये से 1000 करोड़ रुपये करने की सिफारिश की है.


करना होगा बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 में संशोधन 


पीके मोहंती की अगुआई वाले इस पैनल का कहना है कि बड़ी कंपनियों को बैंकिंग लाइसेंस दिया जा सकता है. लेकिन इसके लिए बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 में सुधार करना होगा. इसके साथ ही बैंकों के निगरानी तंत्र को भी मजबूत करना जरूरी है. आरबीआई लंबे समय तक बड़ी कंपनियों को बैंकिंग लाइसेंस देने के खिलाफ रहा है.


बैंक शुरू करने लिए पूंजी 500 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 1000 करोड़ करने की सिफारिश 


पैनल की सिफारिश के मुताबिक यूनिवर्सल बैंक शुरू करने के लिए पूंजी 500 करोड़ से लेकर 1000 करोड़ करने को कहा है. वहीं छोटे बैंक के लिए पूंजी 200 करोड़ से बढ़ा कर 300 करोड़ रुपये करने को कहा गया है. इनिशिएल वोटिंग कैपिटल 150 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 300 करोड़ रुपये करने को कहा गया है. इसके लिए पांच साल का समय निर्धारित किया गया है.


Corona Vaccine: दवा कंपनियों पर धड़ाधड़ पैसा लगा रहे हैं भारतीय, फायदे का है सौदा


इस साल सबसे तेजी से बढ़ी अडाणी की संपत्ति, वर्ल्ड लिस्ट में नौवें स्थान पर