RBI ने रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट 0.25% घटाया, कर्ज होगा सस्ता और कम होगी EMI
उम्मीद के मुताबिक आज आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी में ब्याज दरों में कटौती के साथ आपके लिए सस्ते कर्ज का रास्ता खुल गया है. रिजर्व बैंक के रेपो रेट घटाने के बाद अब बैंकों को भी कर्ज का ब्याज सस्ता करना होगा.
नई दिल्लीः रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में बदलाव करते हुए रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर दी है और रेपो रेट 6.25 फीसदी के बजाए 6 फीसदी हो गया है. वहीं, रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी हो गया है. उम्मीद के मुताबिक आज आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी में ब्याज दरों में कटौती के साथ आपके लिए सस्ते कर्ज का रास्ता खुल गया है. रिजर्व बैंक के रेपो रेट घटाने के बाद अब बैंकों को भी कर्ज का ब्याज सस्ता करना होगा. रेपो रेट वो नीतिगत ब्याज दर है जिसपर रिजर्व बैंक बहुत ही थोड़े समय के लिए बैंकों को कर्ज देता है.
जानें दरों में क्या हुआ बदलाव आरबीआई ने मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट, बैंक रेट 6.5 फीसदी से घटाकर 6.25 फीसदी कर दी है. सीआरआर (कैश रिजर्व रेश्यो) में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह 4 फीसदी पर बरकरार है. वित्त वर्ष 2018 के लिए जीवीए अनुमान 7.3 फीसदी पर कायम रखा गया है. रिटेल महंगाई दर 4 फीसदी के आसपास रहने का अनुमान दिया है. 18-24 महीने में रिटेल महंगाई दर 1% बढ़ने का अनुमान है.
मौद्रिक नीति समिति में क्या हुआ बताया जा रहा है कि नीतिगत दरों में कटौती पर एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) में मतभेद सामने आए. एमपीसी के चार सदस्य दरों में कटौती के पक्ष में थे जबकि एक सदस्य रवींद्र ढोलकिया दरों में 0.5 फीसदी की कमी के पक्ष में थे. वहीं एक सदस्य का मानना था कि दरों में अभी भी किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाना चाहिए.
RBI ने क्या कहा महंगाई दर में हो रही लगातार कमी की वजह से नीतिगत ब्याज दर घटाई गई है महंगाई दर के लक्ष्य में कोई बदलाव नहीं किया गया है और पहले की ही तरह रिटेल महंगाई दर 4 फीसदी के करीब रहने का अनुमान है. सामान्य मॉनसून और सप्लाई से खाने-पीने की चीजों की महंगाई पर असर हो सकता है. अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम को बढ़ावा देना और इंफ्रास्ट्रक्चर की दिक्कतों को दूर करना बेहद जरूरी है. जीएसटी लागू करने में दिक्कत नहीं हुई है. आरबीआई के मुताबिक राज्यों से विभिन्न तरह की कर्ज माफी (खासकर किसानों की कर्ज माफी) से वित्तीय घाटा बढ़ने का अनुमान है.
पिछली क्रेडिट पॉलिसी इससे पहले 6 अप्रैल 2017 को आरबीआई ने क्रेडिट पॉलिसी में दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. रेपो रेट 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा था लेकिन रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी से बढ़ा कर 6 फीसदी कर दिया था. तभी सीआरआर भी बिना किसी बदलाव के 4 फीसदी पर स्थिर रखा गया था. पिछली क्रेडिट पॉलिसी में 2017-18 के दौरान विकास दर 7.4 फीसदी रहने का अनुमान दिया गया था.
आरबीआई क्रेडिट पॉलिसी: रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, रिवर्स रेपो रेट बढ़ा
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