FD: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज रेपो रेट (Repo rate) को लेकर बड़ा फैसला सुनाया. आरबीआई ने रेपो रेट में इस बार भी कोई बदलाव न करते हुए इसे 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा. ऐसे में फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposits) के निवेशकों को अपने निवेश पर पहले से बढ़े हुए ब्याज का फायदा मिलता रहेगा.
FD कराने से पहले इस बारे में सोचना जरूरी
मौजूदा इंटरेस्ट रेट का फायदा उठाने के लिए निवेशक शॉर्ट से मिडियम टर्म में एफडी कराने के बारे में सोच सकते हैं, ताकि उन्हें प्रिंसिपल अमाउंट पर इंटरेस्ट बढ़कर मिले. ऐसा भी हो सकता है कि आने वाले समय में इंटरेस्ट रेट में कटौती की जाए. बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी का कहना है, ''मौजूदा इंटरेस्ट रेट और आने वाले समय में इसमें होने वाले बदलाव का सोचकर एफडी निवेशकों को फैसला लेना चाहिए. अगले साल इंफ्लेशन का दबाव कम होने की स्थिति में आरबीआई रेपो रेप में कटौती कर सकता है.''
महंगाई दर है मेन कारक
बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक लगातार उच्च महंगाई दर के जोखिमों का सोचते हुए बैंक फरवरी में रेपो रेट में कटौती नहीं भी कर सकता है, लेकिन इसके बाद क्या होगा इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है. ऐसे में निवेशक 4 से 6 महीने की समय सीमा वाले एफडी में निवेश को लेकर सोच सकते हैं. उन्होंने कहा, ''इंटरेस्ट रेट में कटौती न हो इसके लिए जरूरी है कि महंगाई बढ़ने का जोखिम ना के बराबर हो.''
बैंकों में इंटरेस्ट रेट अलग-अलग
हर बैंक में एफडी पर मिलने वाला इंटरेस्ट रेट अलग-अलग होता है. ऐसे में जरूरी है कि निवेश से पहले यह देखना जरूरी है कि कहां पैसा लगाने पर अधिक रिटर्न मिलने की उम्मीद है.