RBI Update: टल गया बैंकों के NPA और लोन Write-Off का संकट? बैंकिंग सेक्टर के सेहत पर RBI ने कह दी बड़ी बात
Bank Loan Write-Off: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय बैंकों की परफॉर्मेंस में लगातार सुधार देखने को मिल रही है. बैंकों ने अपना बैलेंस शीट क्लियर किया है.
Bank NPA Crisis: भारतीय बैंकों की बैलेंस शीट मजबूत बनी हुई है, जिसका पता लोन और डिपॉजिट की बढ़ती मात्रा से चलता है. इसके अलावा, बैड लोन में भी काफी कमी आई है. गुरुवार को एक सेंट्रल बैंक की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई. भारतीय रिजर्व बैंक ने भारत में बैंकिंग की प्रवृत्ति और प्रगति रिपोर्ट 2023-24 जारी की है. इसमें कहा गया है कि बैंको के सकल NPA (Non-performing asset) में सुधार आया है और बैंकों का बैड लोन भी 13 साल के सबसे निचले स्तर पर आ गया है.
NBFS की भी परफॉर्मेंस में सुधार
बैड लोन उसे कहा जाता है जब कोई व्यक्ति या संस्था बैंक से लोन लेने के बाद उसे वापस नहीं करता है और बैंक को घाटा हो जाता है. सेंट्रल बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इसी के साथ-साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (एनबीएफसी) भी लोन देने के मामले में बढ़िया परफॉर्म करने लगी है.
2023-24 में इनकी भी बैलेंस शीट सुधरी है. दरअसल, पिछले साल रिजर्व बैंक की चेतावनी के बाद बैंकों ने लोन देने के मामले में अपने हाथ तंग कर दिए हैं. इसी के साथ पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड के नियमों में सख्ती लाते हुए एनबीएफसी से भी लोन पर इंटरेस्ट को बढ़ा दिया है और नियम न मानने वाले उधार देने वालों के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिया है.
इस तरह से भी बैंकों ने क्लियर किया अपना बैलेंस शीट
बैंकों ने हाल के सालों में बैड लोन को एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी को बेचकर या बट्टे खाते में डालकर अपना बैलेंस शीट साफ किया है. आरबीआई की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि उनकी पूंजी और तरलता बफर विनियामक आवश्यकताओं से काफी ऊपर रहा और साल 2023-24 तक लगातार छठे फाइनेंशियल ईयर में इसमें सुधार हुआ है. इसके अलावा, आरबीआई ने आगे कहा कि आने वाले समय में अपने रिस्क मैनेजमेंट और आईटी गर्वनेंस स्टैंडर्ड को मजबूत बनाने और असामान्य लेनदेन संबंधी गतिविधियों पर उनका अधिक ध्यान रहेगा.
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