RBI Missing Notes: आरटीआई से हैरान करने वाला खुलासा, गायब हो गए 88 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के नए नोट
Rs 500 Missing Notes: अभी तक आपने नकली नोटों की छपाई या नोटों के कट-फट जाने की खबरें सुनी होंगी, लेकिन अब एक ऐसी जानकारी सामने आई है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह जा रहा है...
नोटों की छपाई से लेकर सर्कुलेशन तक का काम बेहद सुरक्षित माहौल में किया जाता है. यह जरूरी भी होता है, क्योंकि किसी देश की करेंसी उसकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है. अब अगर आपको बताया जाए कि इतनी टाइट सिक्योरिटी होने के बाद भी बड़ी मात्रा में नए नोट गायब हो गए, तो शायद आपको यह मजाक लगे, लेकिन यह सच है.
आरटीआई के सवाल से खुलासा
मिंट समेत कई मीडिया प्लेटफॉर्म पर चल रही खबरों के अनुसार, जो नोट गायब हुए हैं वे 500 रुपये के नए डिजाइन वाले हैं. हैरान करने वाली बात है कि गायब हुए नोटों की वैल्यू हजार-पांच सौ नहीं बल्कि 88 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा है. इसका खुलासा सूचना का अधिकार यानी आरटीआई के तहत पूछे गए सवालों से हुआ है.
इतने हजार करोड़ के नोट गायब
आरटीआई एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय ने इस संबंध में सवाल पूछे थे और उन्हें जवाब में जो आंकड़े मिले, वे हैरान कर देने वाले हैं. बताया जा रहा है कि नए डिजाइन वाले 500 रुपये के जो लाखों नोट गायब हुए हैं, उनकी वैल्यू 88,032.5 करोड़ रुपये है. मिली जानकारी के अनुसार, तीनों छापेखानों ने मिलकर नए डिजाइन वाले 500 रुपये के 881.065 करोड़ नोट छापे, लेकिन रिजर्व बैंक को इनमें से 726 करोड़ नोट ही मिले. कुल मिलाकर 500 रुपये के 176.065 करोड़ नोट गायब हुए, जिनकी वैल्यू 88,032.5 करोड़ रुपये है.
इन तीन जगहों पर होती है छपाई
भारत में नोटों की छपाई तीन छापेखानों में होती है. ये छापेखाने हैं बेंगलुरू स्थित भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (Bharatiya Reserve Bank Note Mudran (P) Limited), नासिक स्थित करेंसी नोट प्रेस (Currency Note Press) और देवास स्थित बैंक नोट प्रेस (Bank Note Press).
तीनों मिंट ने दिए ये आंकड़े
आरटीआई के जवाब में नासिक मिंट ने बताया कि उसने 2016-17 में रिजर्व बैंक को 500 रुपये के 166.20 करोड़ नोटों की सप्लाई की. इसी तरह 2016-17 के दौरान बेंगलुरू मिंट ने 519.565 करोड़ नोटों और देवास मिंट ने 195.30 करोड़ नोटों की सप्लाई की. इस तरह तीनों मिंट ने मिलकर रिजर्व बैंक को 500 रुपये के 881.065 करोड़ नोट सप्लाई किए. वहीं रिजर्व बैंक का कहना है कि उसे 500 रुपये के सिर्फ 726 करोड़ नोट मिले.
राजन के दौर में गायब हुए इतने नोट
आरटीआई में मिले आंकड़ों के अनुसार, नासिक मिंट ने अप्रैल 2015 से दिसंबर 2016 के दौरान नए डिजाइन वाले 500 के 37 करोड़ 54 लाख 50 हजार नोट छापे, जबकि रिजर्व बैंक के पास 34 करोड़ 50 लाख नोटों का ही रिकॉर्ड है. गायब हुए कुल 176.065 करोड़ नोटों में से 21 करोड़ नोट नासिक मिंट में अप्रैल 2015 से मार्च 2016 के दौरान छापे गए थे, जब रघुराम राजन रिजर्व बैंक के गवर्नर थे.
एक्टिविस्ट ने की जांच की मांग
खबरों के अनुसार, आरटीआई एटिविस्ट रॉय ने ये आंकड़े सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलीजेंस ब्यूरो और ईडी को भी भेजा है. उन्होंने इस गड़बड़ी की जांच करने की मांग की है. रिजर्व बैंक की तरफ से अभी तक इस मामले को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है. यह जानकारी सामने आने के बाद हर कोई हैरान है कि बेहद सुरक्षा के साथ होने वाली नोटों की छपाई और सप्लाई के बावजूद इतने बड़े पैमाने पर नोट कहां गायब हो गए.
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