Reserve Bank Of India: देश के केंद्रीय बैंक ने 23 जनवरी को SBM बैंक (इंडिया) लिमिटेड के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत सभी लेनदेन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. रिज़र्व बैंक (RBI) के अगले आदेश तक ये रोक लागू रहेगी. आरबीआई ने कहा कि ये रोक इस कारण लगाई गई है, क्योंकि बैंक में कुछ वित्तीय चिंताएं देखने को मिली है.


रिजर्व बैंक ने अपने एक पत्र में जानकारी देते हुए कहा कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए और 36(1)(ए) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, एसबीएम बैंक (इंडिया) लिमिटेड को तत्काल प्रभाव से लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के सभी लेनदेन बंद करने का निर्देश दिया है, जो अगले आदेश के बाद लागू किया जा सकता है. 


RBI ने क्यों किया ऐसा 


आरबीआई ने कहा कि यह कार्रवाई बैंक में देखी गई कुछ चिंताओं के कारण हुई है. केंद्रीय बैंक ने अपने आदेश में चिंताओं के बारे में जानकारी नहीं दी. बता दें कि एसबीएम बैंक मॉरीशस स्थित एसबीएम होल्डिंग्स की सहायक कंपनी है. SBM Group एक फाइनेंशियल सर्विस ग्रुप है, जो डिपॉजिट, लोन, बिजनेस के लिए फाइनेंस और कार्ड समेत अन्य सर्विस की पेशकश करता है. 


SBM Bank (India) पर लगा था जुर्माना 


SBM Bank (India) ने RBI से बैंकिंग लाइसेंस लेने के बाद 1 दिसंबर 2018 को परिचालन शुरू किया था. इस बैंक के पास देशभर में कुल 11 ब्रांचेज हैं. SBM बैंक खुदरा, MSMEs, NRI के साथ-साथ बड़े कॉरपोरेट्स और संस्थानों में ग्राहकों के लिए कॉर्पोरेट, रिटेल और ट्रेजरी कैटरिंग में काम करता है. आरबीआई ने अक्टूबर 2019 में SBM बैंक पर 3 करोड़ रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया था.   


LRS स्कीम क्या है? 


लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत बैंक की मदद से कोई भी देश का निवासी 250,000 डॉलर तक राशि प्रत्येक वित्तीय वर्ष के दौरान भेज सकता है. रिजर्व बैंक इस लिमिट को समय समय पर बदल भी सकता है. बता दें कि भारतीय रिज़र्व बैंक की ओर से WOS मोड के माध्यम से भारत में बैंकिंग व्यवसाय करने के लिए SBM यूनिट को लाइसेंस दिया गया था. 


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