RBI Data: कर्ज की बढ़ी मांग, बैंकों को नगदी जुटाने के लिए डिपॉजिट्स पर देना होगा ज्यादा ब्याज!
RBI Update: दिसंबर तिमाही में 16.8 फीसदी के दर से कर्ज की मांग बढ़ी है जबकि डिपॉजिट ग्रोथ रेट केवल 10.3 फीसदी रहा है.

Bank Credit-Deposit Growth: आने वाले दिनों में बैंकों (Banks) को डिपॉजिट्स ( Deposits) पर कस्टमर्स को ज्यादा ब्याज ( Interest Rate) देना होगा. दरअसल बैंक जिस रफ्तार से कर्ज बांट रहे हैं उस रफ्तार से बैंकों को डिपॉजिट नहीं मिल रहा है. ऐसे में एफडी-आरडी ( Fixed Deposit- Recurring Deposit) पर ज्यादा ब्याज ऑफर कर बैंक ग्राहकों को लुभाने की कोशिश करेंगे.
भारतीय रिजर्व बैंक ( Reserve Bank Of India) ने सोमवार को बैंकों के डिपॉजिट-क्रेडिट को लेकर तिमाही आंकड़े जारी किए हैं. जिसके मुताबिक अक्टूबर से दिसंबर 2022 तिमाही के दौरान 16.8 फीसदी के दर से कर्ज की मांग बढ़ी है. जो कि जुलाई से सितंबर तिमाही में रहे 17.2 फीसदी से कम है. लेकिन बैंक में आने वाले डिपॉजिट के मुकाबले कहीं ज्यादा है. अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के बीच बैंकों में डिपॉजिट 10.3 फीसदी के दर से बढ़ा है. आरबीआई के मुताबिक टर्म डिपॉजिट ( Term Deposit) में 13.2 फीसदी के बढ़ोतरी के चलते डिपॉजिट ग्रोथ रेट बढ़ा है. जबकि करंट ( Current) और सेविंग (Saving) ग्रोथ रेट केवल 4.6 फीसदी के दर से बढ़ा है.
ये आंकड़े बता रहे हैं जितना कर्ज की मांग है इतना बैंकों के पास डिपॉजिट नहीं आ रहा है. ये ऐसे ही चलता रहा है तो बैंकों के पास कर्ज देने के लिए नगदी की कमी हो सकती है. ऐसे में बैंकों को डिपॉजिट्स पर ब्याज दरें बढ़ाना पड़ सकता है. फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट्स ज्यादा ब्याज देना पड़ सकता है जिससे बैंकों में डिपॉजिट्स रखने के लिए लोगों को आकर्षित किया जा सके.
आरबीआई (RBI) ने बीते 9 महीने में छह बार लगातार रेपो रेट ( Repo Rate) में 2.50 फीसदी बढ़ोतरी कर उसे 6.50 फीसदी कर दिया है. इसके बाद बैंकों ने कर्ज तो महंगा कर दिया लेकिन उस अनुपात में डिपॉजिट्स पर ब्याज दरें नहीं बढ़ाई. लेकिन कर्ज की बढ़ती मांग के मद्देनजर नगदी जुटाने के लिए बैंकों को डिपॉजिट्स को आकर्षक बनाने पड़ सकता है.
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