India Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, 15 सितंबर को खत्म हफ्ते में 593 अरब डॉलर रह गया फॉरेक्स रिजर्व
RBI Data: कच्चे तेल के दामों में लगातार जारी उछाल के चलते विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव देखने को मिल सकता है.
![India Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, 15 सितंबर को खत्म हफ्ते में 593 अरब डॉलर रह गया फॉरेक्स रिजर्व RBI Says Foreign Exchange Reserves Fells By 867 Million Dollar To 593 Billion Dollar India Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, 15 सितंबर को खत्म हफ्ते में 593 अरब डॉलर रह गया फॉरेक्स रिजर्व](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/09/22/5c0996e97fe4894fb56f0a91b9ece3fc1695388675310267_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Foreign Exchange Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में इस हफ्ते भी गिरावट देखने को मिली है. 15 सितंबर को खत्म हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 867 मिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 593 .03 बिलियन डॉलर पर आ गया है. जबकि इसके पहले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 593.90 बिलियन डॉलर रहा था. पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार में 5 अरब डॉलर की कमी देखने को मिली थी.
आरबीआई ने विदेशी मुद्रा भंडार का डेटा 22 सितंबर 2023 को जारी किया है जिसके मुताबिक 15 सितंबर को खत्म सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 867 मिलियन की कमी के साथ 593 बिलियन डॉलर पर आ गया. इस हफ्ते में फॉरेन करेंसी एसेट्स में 511 मिलियन डॉलर की कमी के साथ 525.91 बिलियन डॉलर पर आ गई है. गोल्ड रिजर्व 384 मिलियन डॉलर घटकर 36.59 बिलियन डॉलर का रह गया है. एसडीआर 32 मिलियन डॉलर के उछाल के साथ 15.04 बिलियन डॉलर और
आईएमएफ के रिजर्व में 4 मिलियन डॉलर की कमी देखने को मिली है. और ये घटकर 4.17 बिलियन डॉलर रह गया है.
करेंसी मार्केट में शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में बड़ी मजबूती देखने को मिली है. एक डॉलर के मुकाबले रुपया 818 पैसे की मजबूती के साथ 82.83 रुपये पर बंद हुआ है. जेपी मॉर्गन के भारत को इमर्जिंग मार्केट बॉन्ड इंडेक्स में शामिल करने के फैसले के चलते डॉलर के मुकाबले रुपये मजबूत हुआ है. माना जा रहा है कि जेपी मॉर्गन के इस फैसले के चलते भारत में जून 2024 के बाद 25 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश डेट मार्केट में देखने को मिल सकता है. सरकारी बॉन्ड की मांग बढ़ सकती है.
हालांकि कच्चे तेल के दामों में उछाल की चुनौती बरकार है. कच्चा तेल अंतरराष्ट्रीय बाजारों में 94 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है. सरकारी तेल कंपनियों के लिए कच्चे तेल का आयात महंगा हो सकता है तो इसके चलते डॉलर की मांग बढ़ने की संभावना है जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में आने वाले दिनों में कमी देखने को मिल सकती है.
उधर शेयर बाजार में भी बिकवाली देखने को मिल रही है. इस हफ्ते के कारोबारी सत्र में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों में जमकर बिकवाली कर निवेश को वापस निकालने की कोशिश की है इसके चलते भी विदेशी मुद्रा की मांग बढ़ सकती है जिसका दबाव विदेशी मुद्रा भंडार पर देखने को मिल सकता है.
ये भी पढ़ें
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)