RBI Acts Against NBFC: बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने चार नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. आरबीआई ने 21 अक्टूबर 2024 से चार एनबीएफसी-एमएफआई (NBFC-MFI) के लोन की मंजूरी देने से लेकर लोन के डिस्बर्सल पर रोक लगाने का फैसला किया है. आरबीआई ने सुपरवाइजरी आदेश के तहत चारों एनबीएफसी को अपने फैसले की जानकारी दे दी है. 


भारतीय रिजर्व बैंक ने दो माइक्रो फाइनेंस कंपनियां चेन्नई बेस्ड आशीर्वाद माइक्रो फाइनेंस लिमिटेड (Asirvad Micro Finance Limited) और कोलकाता बेस्ड अरोहन फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (Arohan Financial Services Limited) के लोन देने पर रोक लगा दिया है. इसके अलावा दो एनबीएफसी जिसमें नई दिल्ली बेस्ड डीएमआई फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड  (DMI Finance Private Limited) और बेंगलुरु बेस्ड नवी फिनसर्व लिमिटेड  (Navi Finserv Limited) को लोन के मंजूरी से लेकर उसे डिस्बर्स करने पर रोक लगा दी है.  


आरबीआई ने कहा कि ये कार्रवाई इन कंपनियों के वेटेड एवरेज लेडिंग रेट (Weighted Average Lending Rate) और कॉस्ट ऑफ फंड पर ब्याज के स्प्रेड के ज्यादा पाए जाने पर प्राइसिंग पॉलिसी में मटेरियल सुपरवाइजरी चिंताओं के चलते लिया है जो आरबीआई के फेयर प्रैटिक्स कोड के मुताबिक नहीं है.      


आरबीआई ने कहा, पिछले कुछ महीनों में अलग-अलग चैनलों के माध्यम से रेगुलेटेड इकाईयों को छोटे वैल्यू वाले लोन में पारदर्शिता बरतने को कहा गया था. इसके बावजूद इन्होंने अनुचित और गलत प्रैक्टिस अपनाया है. माइक्रो फाइनेंस लोन के मामले में भी घरेलू इनकम और मंथली रिपेमेंट ऑब्लिगेशन से जुड़ी रेगुलेटरी गाइडलाइंस का पालन नहीं किया गया है. इन चारों एनबीएफसी पर ये बंदिशें 21 अक्टूबर 2024 के बिजनेस के क्लोजिंग से बाद से लागू होगा. हालांकि ये रोक मौजूदा कस्टमर्स के सर्विसिंग, कलेक्शन और रिकवरी प्रोसेस पर लागू नहीं होगा.   


9 अक्टूबर, 2024 को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने स्टेटमेंट में कहा था कि आरबीआई कुछ एनबीएफसी के कामकाज पर नजर रखे हुए हैं और वो कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा. 


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