रिजर्व बैंक ने फाइनेंस सेक्टर से जुड़ी तीन कंपनियों के ऊपर कार्रवाई की है. आरबीआई ने जिन कंपनियों के ऊपर कार्रवाई की है, उनके नाम हैं ओला फाइनेंशियल सर्विसेज, मणप्पुरम फाइनेंस और वीजा. सेंट्रल बैंक के द्वारा इस कार्रवाई में जुर्माना भी लगाया गया है.


ओला फाइनेंशियल पर 87 लाख से ज्यादा जुर्माना


आरबीआई ने शुक्रवार को अलग-अलग आदेश में इन कार्रवाइयों की जानकारी दी. आरबीआई के एक आदेश के अनुसार, ओला फाइनेंशियल सर्विसेज के ऊपर 87.50 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगा है. कंपनी के ऊपर एक मामले में 33.40 लाख रुपये का जुर्माना लगा है. यह जुर्माना केवाईसी के प्रावधानों का पालन नहीं करने के लिए है. उसके अलावा पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम से जुड़े प्रावधान के अनुपालन में कमी के चलते 54.15 लाख रुपये का दूसरा जुर्माना भी लगा है.


मणप्पुरम फाइनेंस पर 41.50 लाख का जुर्माना


इसी तरह रिजर्व बैंक ने मणप्पुरम फाइनेंस के ऊपर 41.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. मणप्पुरम फाइनेंस के ऊपर की गई कार्रवाई केवाईसी के नियमों के अनुपालन में कमी के चलते है. आरबीआई ने बताया है कि मणप्पुरम फाइनेंस उसके द्वारा केवाईसी ( नो योर कस्टमर) पर जारी प्रावधानों का सही से अनुपालन करने में असफल रही. इस कारण आरबीआई ने जुर्माना लगाने का फैसला लिया है.


वीजा के ऊपर लगभग 2.5 करोड़ जुर्माना


सबसे तगड़ा जुर्माना वीजा के ऊपर लगा है. पेमेंट प्रोसेसिंग वाली मल्टीनेशनल कंपनी वीजा प्राइवेट लिमिटेड के ऊपर रिजर्व बैंक ने 2.4 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. वीजा के ऊपर आरोप था कि उसने रिजर्व बैंक से नियामकीय मंजूरी के बिना पेमेंट ऑथेंटिकेशन सॉल्यूशन को इम्पलीमेंट किया.


वीजा ने कहा नियमों का करती है सम्मान


वीजा ने रिजर्व बैंक के एक्शन के बाद एक बयान में कहा कि वह अनुपालन के दिशानिर्देशों, नियमनों और अपने परिचालन के सभी देशों के स्थानीय नियमों का सम्मान करती है व उनका अच्छे से पालन करती है. कंपनी ने आरबीआई के द्वारा की गई कार्रवाई को स्वीकार करते हुए कहा कि वह भारत में रिजर्व बैंक के द्वारा तय नियमों व नियमनों का पालन करेगी और सुरक्षित भुगतान समाधान मुहैया कराते रहेगी.


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