RBI MPC: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के तीन दिवसीय बैठक के बाद आज रेपो रेट समेत कई बड़े फैसले लिए जा सकते है. वित्त वर्ष 2024 के द्विमासिक मौद्रिक नीति बैठक 6 से 8 जून तक आयोजित की गई थी. इसमें लिए गए फैसले का एलान आज यानी 8 जून को किया जाएगा. 


रेपो रेट अपरिवर्तित रहने की उम्मीद 


आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की 43वीं बैठक है. उम्मीद है कि गर्वनर शक्तिकांत दास ब्याज दर को अपरिवर्तित रख सकते हैं. इसका मतलब है कि लोगों को बढ़ते लोन के ब्याज दर से राहत मिलेगी. अप्रैल में हुई पिछली एमपीसी बैठक में आरबीआई ने ब्याज दर में बढ़ोतरी को रोका था और रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर ही छोड़ दिया था. वहीं भारतीय रिजर्व बैंक ने मई, 2022 से लगातार रेपो रेट में इजाफा किया था. कई बाद बढ़ोतरी करने से रेपो रेट में 2.5 फीसदी ब्याज बढ़ा था. 


पिछली बैठक के बाद क्या क्या बदला? 


अप्रैल में हुई मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद से आरबीआई ने महंगाई दर, मानसून और बुवाई, तेल की कीमतों में बदलाव, वैश्विक विकास जैसी चीजों पर फोकस रखेगा. इसके आधार पर रिजर्व बैंक फैसला ले सकता है. 


अभी महंगाई दर क्या है? 


सीपीआई के आंकड़ें के अनुसार, अप्रैल 2023 में खुदरा महंगाई दर 18 महीने के निचले स्तर 4.7 फीसदी पर आ गई है, जो मार्च 2023 में 5.7 फीसदी की तुलना में आरबीआई की अधिकतम सीमा से कम है. 


GDP ग्रोथ 


राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से 2022-23 के लिए भारत की GDP बढ़ोतरी 7 फीसदी अनुमानित है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए 6.5 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है. 


कच्चे तेल की कीमत 


अप्रैल के बैठक के बाद से कच्चे तेल के दाम में गिरावट आई है. अप्रैल में अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमत 85.1 डॉलर प्रति बैरल थी और तब से यह गिरकर 77 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है. 


जीएसटी कलेक्शन 


अप्रैल के मुकाबले जीएसटी कलेक्शन में गिरावट आई है. अप्रैल में यह 1.9 लाख करोड़ रुपये था और मई के लिए जीएसटी कलेक्शन 1.6 लाख करोड़ रुपये था. 


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