RBI take on Digital Loan: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने आज कहा कि केंद्रीय बैंक (RBI) जल्द ही डिजिटल लोन प्लेटफॉर्म के लिए नियामकीय रूपरेखा यानी रेगुलेटरी फ्रेमवर्क लेकर आएगा. सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम (CBIC) के कार्यक्रम में आरबीआई गवर्नर ने ये बात कही. 


CBIC के कार्यक्रम में कही ये बात
शक्तिकांत दास ने भारतीय व्यापार (अतीत, वर्तमान और भविष्य) विषय पर एक व्याख्यान देते हुए कहा, "मुझे लगता है कि बहुत जल्द हम एक व्यापक नियामकीय ढांचे के साथ सामने आएंगे, जो डिजिटल मंचों के जरिये लोन देने के संबंध में हमारे सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम होगा. इन मंचों में कई अनधिकृत और बिना पंजीकरण के चल रहे हैं. मुझे कहना चाहिए कि ये अवैध हैं." इस व्याख्यान का आयोजन ‘आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत’ केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने किया था.



बिना रजिस्ट्रेशन के डिजिटल लोन देने वाले ऐप के खिलाफ आरबीआई नहीं करेगा कार्रवाई
शक्तिकांत दास ने बुधवार को मौद्रिक नीति समीक्षा के मिनट्स के बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि बिना रजिस्ट्रेशन के डिजिटल लोन देने वाले ऐप से कर्ज लेने वाले ग्राहकों को किसी भी तरह की समस्या होने पर स्थानीय पुलिस से संपर्क करना चाहिए. उन्होंने यह स्पष्ट करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक केवल उसके साथ रजिस्टर्ड संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करेगा. RBI गवर्नर ने कहा कि आरबीआई की वेबसाइट पर उन ऐप की एक लिस्ट है, जो उसके साथ रजिस्टर्ड हैं. उन्होंने कहा कि कई राज्यों में पुलिस ने कानून के प्रावधानों के अनुसार गलत काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है.


रजिस्टर्ड ऐप के मामले में ही आरबीआई उठाएगा कदम
गौरतलब है कि देश में कई डिजिटल प्लेटफॉर्म हैं जिनमें कई अनधिकृत और अवैध हैं. डिजिटल कर्ज ऐप के कुछ परिचालकों द्वारा कर्ज लेने वालों के उत्पीड़न के कारण उनके बीच कथित रूप से आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं. शक्तिकांत दास ने आज कहा कि इस तरह के ऐप का उपयोग करने वाले सभी लोगों से मेरा विनम्र अनुरोध है कि पहले यह जांच लें कि ऐप आरबीआई के साथ रजिस्टर्ड है या नहीं. अगर ऐप रजिस्टर्ड है, तो मैं आपको आश्वासन देता हूं केंद्रीय बैंक किसी भी गलत काम के मामले में तुरंत कार्रवाई करेगा."


आरबीाई गवर्नर ने आज कहा कि आरबीआई आर्थिक प्रगति के लिए मौजूदा और उभरते व्यवसायों की भूमिका को मान्यता देता है. उन्होंने कहा कि किसी भी व्यवसाय की दीर्घकालिक सफलता सीधे तौर पर उसके कामकाज की गुणवत्ता, आंतरिक नियंत्रण प्रणाली और जोखिम नियंत्रण की मजबूती और संगठनात्मक संस्कृति से जुड़ी होती है.


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