Repo Rate Hike Impact On Housing Demand: कोरोना महामारी ( Covid19 Pandemic) के बावजूद बीते दो सालों से रियल एस्टेट सेक्टर ( Real Estate Sector) में शानदार तेजी देखी गई. हाउसिंग डिमांड ( Housing Demand) में शानदार तेजी रही. सस्ते होम लोन ( Cheap Home Loan) के अलावा कई राज्य सरकारों ने स्टैंप ड्यूटी ( Stamp Duty) घटा दी जिसके चलते घरों की मांग बढ़ गई. लेकिन आरबीआई के रेपो रेट ( Repo Rate) और सीआरआर ( CRR) बढ़ाने के फैसले के चलते माना जा रहा सस्ते होम लोन का दौर खत्म हो सकता है जिसका असर रियल एस्टेट सेक्टर के ग्रोथ पर पड़ सकता है. 


आरबीआई के फैसले के बाद महंगा होगा होम लोन
आरबीआई ने दो फैसले लिए हैं पहला रेपो रेट को 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4 फीसदी से 4.40 फीसदी कर दिया तो सीआरआर यानि कैश रिजर्व रेशियो बढ़ाकर बैंकिंग सिस्टम से 87,000 करोड़ रुपये निकल जायेंगे. इसका असर ये होगा कि बैंकों के पास कर्ज बांटने के लिए नगदी की कमी होगी. तो रेपो रेट के बढ़ने के चलते बैंक जल्द ही होम लोन बढ़ा सकते हैं. इससे घर खऱीदने की सोच रहे लोगों को महंगी ईएमआई चुकाना होगा तो जो लोग होम लोन ले चुके हैं उनकी ईएमआई महंगी हो जाएगी. 


रियल एस्टेट सेक्टर आरबीआई के फैसले से हैरान
क्रेडाई के प्रेसीडेंट हर्षवर्धन पटोदिया ने आरबीआई के फैसले पर कहा कि, सस्ते रेपो रेट के चलते रियल एस्टेट सेक्टर को कोरोना काल में जबरदस्त फायदा हुआ है. आरबीआई द्वारा रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला हैरान करने वाला है. Anarock के चेयरमैन अनुज पूरी ने कहा कि ये संकेत है कि सस्ते कर्ज का दौर अब खत्म हो रहा है जो कि घरों की बिक्री बढ़ाने में कोरोना महामारी के दौरान सबसे मददगार साबित हुआ है. वहीं नारडेको के वाइस चेयरमैन निरंजन हीरानंदानी ने उम्मीद जाहिर किया कि रेपो रेट में बढ़ोतरी के फैसले का असर होम लोन के ब्याज दरों पर नहीं पड़ेगा. और रेग्युलेटर ये सुनिश्चित करेंगे कि होम लोन के ब्याज दर में बढ़ोतरी के रूप महंगाई का असर लोगों पर नहीं पड़ेगा. 


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