Real Estate Investment: कोविड महामारी के दौरान कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ था. सबसे ज्यादा असर रियल एस्टेट बिजनेस में हुआ था. शॉपिंग मॉल कारोबार के बुरी तरह प्रभावित होने से खुदरा रियल एस्टेट सेक्टर में फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टमेंट सिर्फ 7.7 करोड़ डॉलर पर आ चुका था. अब कोलियर्स इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि महामारी के बाद शॉपिंग मॉल में गतिविधियां बढ़ने से वर्ष 2022 में खुदरा रियल एस्टेट क्षेत्र में संस्थागत निवेश छह गुना होकर 49.2 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया.
संपत्ति सलाहकार फर्म कोलियर्स इंडिया ने कहा कि वर्ष 2022 में भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेश करीब 20 प्रतिशत बढ़कर 4.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया जबकि एक साल पहले यह 4.8 अरब डॉलर रहा था. इसमें डेटा केंद्रों जैसे वैकल्पिक परिसंपत्ति खंड ने 86.7 करोड़ डॉलर का निवेश किया है, जो वर्ष 2021 में यह 45.3 करोड़ डॉलर रहा था.
92 फीसदी बढ़ा निवेश
अल्टरनेट अस्सेट सेगमेंट में निवेश पिछले साल 92 प्रतिशत तक बढ़ गया. इस सेगमेंट में डाटा सेंटर्स, लाइफ साइंस, सीनियर्स के लिए हाउसिंग, हॉलिडे होम्स और छात्रों की आवासीय इकाइयां शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, रियल एस्टेट निवेश में कार्यालय स्थलों की हिस्सेदारी 41 फीसदी रही है. वर्ष 2022 में इस सेगमेंट में कुल वित्तीय संस्थागत निवेश 1.98 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले 1.32 अरब डॉलर था.
रियल एस्टेट में तेजी से बढ़ रहा कारोबार
हालांकि इंडस्ट्रीयल और स्टोरेज अस्सेट में निवेश बीते साल 29 प्रतिशत घटकर 65.6 करोड़ डॉलर रह गया. वहीं हाउसिंग अस्सेट सेगमेंट में भी संस्थागत निवेश 29 प्रतिशत गिरकर 65.6 करोड़ डॉलर पर आ गया जबकि वर्ष 2021 में यह 91.9 करोड़ डॉलर था. कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट का कहना है कि पिछले कुछ सालों से भारतीय रियल एस्टेट में निवेश लगातार हुआ है और इसकी वजह से पूंजी की मांग में संरचनात्मक बदलाव होने से रियल एस्टेट कारोबार के बढ़ने की संभावना है.
क्यों बढ़ रहा रियल एस्टेट में निवेश
रिपोर्ट के मुताबिक रियल एस्टेट कारोबार में बढ़ोतरी परफॉर्मेंश क्रेडिट, स्पेशल सिचुएशन, पोर्टफोलियों एक्वीजन्स, अस्सेट रिकंस्ट्रक्शन और इससे संबंधित स्ट्रक्चर के कारण हो रही है. ऐसे में ये चीजें निवेशकों को भी आकर्षित कर रहीं हैं. 2023 के दौरान वित्तीय संस्थागत निवेश और अधिक हो सकता है.
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