Recession Fear: दुनिया में चौतरफा इस बात की चर्चा है कि संभावित आर्थिक मंदी से निपटने के लिए कई देशों की सरकारें अपनी तैयारी कर रही हैं. हालांकि हमको भी मंदी से निपटने के लिए तैयारी करके रखनी है. ये कैसे कर सकते हैं, यहां समझा जा सकता है. ये दुनिया के बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों की सलाह है जिसे अपनाकर आप भी संभावित मंदी के खतरों से काफी हद तक बच सकते हैं.
क्या कह रहे हैं दुनिया के अर्थशास्त्री
दुनिया के अर्थशास्त्री कह रहे हैं कि अभी पैसे को होल्ड करके रखना चाहिए. यानी अगर आपके पास नकदी है, आपके बैंक में पैसा पड़ा है, तो उसे होल्ड करें. कोई भी फिजूलखर्ची करने से बचना चाहिए. कोई बड़ा खर्च जैसे नई गाड़ी, मकान खरीदने से बचना चाहिए. जरूरत ना हो तो नया फोन या नया और महंगा गैजेट खरीदने से बचें. ऐसी सलाह इसलिए दी जा रही है क्योंकि संभावित मंदी के लिए अपना पैसा बचाना है.
हालांकि सरकारों की रणनीति है कि लोगों का पैसा निकाला जाए
आपको अपना पैसा बचाकर रखना है, क्योंकि सरकार उसे निकालना चाहती है. सरकार ऐसा इसलिए कर रही है ताकि महंगाई पर लगाम लगाई जा सके. ये अपने आप में समझना थोड़ा मुश्किल है लेकिन इसके पीछे पूरा गणित है.
क्या है सरकार का फॉर्मूला
महंगाई कम करने के लिए सरकारें मार्केट से पैसा कम करती हैं क्योंकि जब पैसा कम होगा तो लोग खर्च कम करेंगे. लोग खर्च कम करेंगे, तो डिमांड कम होगी और डिमांड कम होगी, तो महंगाई कंट्रोल में आएगी.
दुनियाभर में क्या है ट्रेंड
इसीलिए आप ये देख रहे होंगे कि भारत समेत दुनियाभर के सेंट्रल बैंक्स अपने यहां ब्याज दरों में बढोतरी कर रहे हैं. बैकों में ब्याज दरें ज्यादा मिलेंगी तो लोग सेविंग्स ज्यादा करेंगे, खर्चा कम करेंगे और महंगाई इससे कंट्रोल में आएगी. हालांकि इसका सीधा असर देश की जीडीपी की ग्रोथ पर पड़ता है. डिमांड कम होगी तो प्रोडक्शन भी कम हो जाएगा. जिससे सीधी आपकी जीडीपी ग्रोथ जुड़ी हुई है. इसीलिए साफ है कि मंदी से निपटने के लिए तो सरकार अपना काम करेगी लेकिन आम आदमी के तौर पर आपको कदम उठाने होंगे जिससे आपके रोजमर्रा के जीवन में खर्चों की दिक्कतों का साया ना आए.
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