नई दिल्लीः आर्थिक मंदी की मार रियल स्टेट पर भी पड़ रही है. जहां प्राइेवट बिल्डर घाटे में जा रहे हैं वहीं अब जीडीए (गाजियाबाद डवलपमेंट अथॉरिटी) भी प्रॉपर्टी को बेचने के हर संभव प्रयास कर रही है. जीडीए की तकरीबन 1500 करोड़ रूपए की प्रॉपर्टी बार-बार नीलाम होने के बाद भी नहीं बिक रही. ऐसे में अब जीडीए ने फ्लैट्स की कीमत कम करने का निर्णय लिया है.
सिर्फ जीडीए ही नहीं कई अन्य अथॉरिटी का भी यही हाल है. ऐसा माना जा रहा है कि जीडीए की बोर्ड बैठक में घरों की कीमत का प्रस्ताव रखा जाएगा. यदि इसे स्वीकार कर लिया जाता है तो घरों की कीमत 3 से 7 लाख तक कम हो जाएगी. ये कीमतें कम होने पर लोग सस्ते दामों में दुकानें और घर खरीद सकते हैं. इतना ही नहीं, इससे जीडीए प्राइवेट बिल्डर्स से भी मुकाबला करने की स्थिति में आ जाएगा.
जीडीए में घरों और दुकानों की कीमत कर करने के दौरान कुछ नियम बनाए गए हैं जिसमें कुछ बातों पर फोकस किया गया है. जैसे- 15% तक एडमिनिस्ट्रेटिव फीस नहीं ली जाएगी. निर्माण लागत की ब्याज दर 4% की जाएगी जो पहले 11% थी और पहले साल में निर्माण लागत पर किसी तरह की कोई ब्याज दर नहीं लगेगी. ये भी कहा गया है कि जिस फ्लैट और दुकान की रजिस्ट्री नहीं हुई है उन पर ये घटे हुए रेट लागू होंगे लेकिन रजिस्ट्री हो चुके फ्लैट और दुकानों पर कोई कीमत कम नहीं होगी.
इन जगहों के सस्ते हो सकते हैं रेट -
- मधुबन बापूधाम योजना
- इंदिरापुरम न्याय खंड
- चंद्रशिला योजना
- इंद्रप्रस्थ आवासीय योजना
- कोयल एनक्लेव योजना
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