IIT Madras Placement: ग्लोबल ऑप्शन ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट (Jane street) ने आईआईटी मद्रास के एक विद्यार्थी को हांगकांग में पोस्टिंग के साथ ही 4.3 करोड़ सालाना का प्री प्लेसमेंट ऑफर दिया है. इस विद्यार्थी की पढ़ाई भी पूरी नहीं हुई है. फिर भी यह इस साल के प्लेसमेंट सीजन का अभी तक का सबसे बड़ा जॉब ऑफर है. इससे पता चलता है कि ऑप्शन ट्रेडिंग दिमाग से ज्यादा तकनीक का खेल है. जहां ग्लोबल ट्रेडिंग कंपनियां हाई क्वालिटी एल्गोरिदम की बदौलत मालामाल हो रही हैं, वहीं रिटेल ट्रे़डर्स हाई रिस्क-हाई रिवार्ड के झांसे में आकर नुकसान झेल रहे हैं.
रिटेलर्स की नुकसान की बदौलत बड़ी कंपनिया जमकर मुनाफा कमा रही हैं. इनके हाईटेक सॉफ्टवेयर ट्रेड को एक सेकेंड से भी कम में अमली जामा पहना देते हैं. फिर छोटे-छोटे लाभों को जमा कर अरबों का मुनाफा कमाते हैं. जेन स्ट्रीट जैसी कंपनियां इसकी उदाहरण हैं. व्यक्तिगत निवेशकों के लिए यह बाज़ार अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास ऐसी उन्नत तकनीकी साधन नहीं होते.
क्वांटिटेटिव ट्रेडर की मिलेगी नौकरी
जेन स्ट्रीट ने प्री प्लेसमेंट ऑफऱ के तहत स्टूडेंट को हांगकांग में क्वांटिटेटिव ट्रेडर पोस्ट का ऑफर दिया है. वह कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग का छात्र है. जिस स्टूडेंट को यह ऑफर दिया गया है, वह उन कुछ लोगों में एक है, जिसने पहले इस फर्म में इंटर्नशिप की थी.
93 फीसदी रिटेल ट्रेडर्स को होता है नुकसान
ऑप्शंस ट्रेडिंग को जल्दी और ज्यादा लाभ वाला ट्रेडिंग बताया जाता है. लेकिन यह टोटल सम ज़ीरो वाला गेम है, जहां कुछ लोगों के लाभ का सीधा नुकसान दूसरों को होता है. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड (SEBI) द्वारा किए गए एक अध्ययन ने इस क्षेत्र में रिटेल निवेशकों की कठिनाइयों को उजागर किया है. SEBI के अध्ययन के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 से 2024 के बीच 93 फीसदी रिटेल ट्रेडर्स को ऑप्शंस बाजार में नुकसान हुआ. औसतन हर निवेशक ने दो लाख रुपये गंवाए.
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