पिछले कुछ महीनों के दौरान लोगों ने महंगाई की चौतरफी मार का सामना किया है. खाने-पीने की चीजों से लेकर रोजमर्रा के इस्तेमाल के कई सामानों की कीमतें इस दौरान आसमान पर पहुंच गईं. नतीजा हुआ कि लोगों ने ऐसे सामानों की खरीदारी कम कर दी. हालांकि एक ऐसी चीज है, जिसके लिए लोगों ने महंगाई की भी परवाह नहीं की. यह चीज है शराब. पिछले वित्त वर्ष के दौरान शराब की भी कीमतें बढ़ीं, लेकिन इससे शराब के शौकीनों पर खास असर नहीं हुआ और उन्होंने ज्यादा पैसे चुकाकर भी दबाकर खरीदारी की.
रिकॉर्ड बिकी हर तरह की शराब
ईटी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत में लोगों ने करीब 40 करोड़ शराब की पेटियों की खरीदारी की. इसे औसत निकालें तो मतलब यह निकलता है कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान शराब के शौकीनों ने 750 एमएल की करीब 4.75 अरब बोतलें खरीद ली. बिक्री के आंकड़े बताते हैं कि शराब की मांग हर कैटेगरी में आई. चाहे व्हिस्की हो या रम, ब्रांडी हो या जिन अथवा वोदका... हर तरह की शराबें खूब बिकीं. इनमें भी प्रीमियम यानी अधिक कीमत वाली शराब की बिक्री ज्यादा रही.
पिछले रिकॉर्ड से इतनी ज्यादा बिक्री
आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के दौरान देश भर में शराब की 39.5 करोड़ पेटियों की बिक्री ठीक साल भर पहले की समान अवधि की तुलना में 12 फीसदी ज्यादा है. शराब की बिक्री का इससे पहले का रिकॉर्ड करीब 4 साल पुराना था, जब 2018-19 में देश भर में करीब 35 करोड़ पेटियों की बिक्री हुई थी. पिछले वित्त वर्ष में शराबियों ने 4 करोड़ पेटियों की अतिरिक्त खरीदारी कर रिकॉर्ड को 40 करोड़ पेटियों के पास पहुंचा दिया.
पिछले साल तेजी से बढ़ी कीमतें
शराब की कीमतों की बात करें तो पिछले वित्त वर्ष के दौरान लगभग सभी कंपनियों ने दाम में बढ़ाए. प्रमुख शराब कंपनी Pernod Ricard के एक अधिकारी ने पिछले महीने एनालिस्ट कॉल में बताया था कि भारत में 2022-23 के दौरान जिस तरह से कीमतें बढ़ाई गईं, वैसा हाल-फिलहाल नहीं किया गया. इसके बाद भी ग्राहकों का भरोसा बना हुआ है. उन्होंने आने वाले समय को लेकर भारतीय बाजार से काफी उम्मीदें भी जाहिर की. यह कंपनी भारत में एंट्री लेवल में रॉयल स्टैग व्हिस्की बेचती है, तो प्रीमियम सेगमेंट में बैलेंटाइन, शिवास रीगल और दी ग्लेनलिवेट जैसे ब्रांड और वोदका सेगमेंट में एब्सॉल्यूट ब्रांड इसके पास हैं.
सबसे ज्यादा पी जा रही है ‘व्हिस्की’
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सबसे ज्यादा खपत व्हिस्की की हो रही है. पिछले साल इसकी बिक्री में 11.4 फीसदी की तेजी आई. यह अकेले भारत में शराब की कुल बिक्री में दो-तिहाई योगदान दे रही है. वहीं कुल बिक्री में ब्रांडी का 21 फीसदी और रम का 12 फीसदी योगदान रहा. पिछले वित्त वर्ष के दौरान बिक्री में सबसे शानदार तेजी वोदका और जिन के मामले में आई. इनकी बिक्री क्रमश: 29 फीसदी और 61 फीसदी बढ़ी.
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