बजट में उठाए सुधारवादी कदमों से बढ़ेगी वृद्धि की गति: आरबीआई आर्टिकल
लेख में कहा गया है, 'ऐसा करते समय, बजट में एक नाजुक संतुलन बनाया गया है, जिसमें एक तरफ तो वित्त पोषण के दबावों को कम करने के उपाए किए गए हैं, जबकि दूसरी ओर वृद्धि को बहाल करने के लिए प्रति-चक्रीय समर्थन दिया गया है.'
मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक प्रकाशन के आर्टिकल में कहा गया है कि भारत सरकार के जरिए आम बजट 2021-22 में उठाए गए कदमों से मध्यावधि में आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी. आम बजट के मूल्यांकन लेख में कहा गया है, 'केंद्रीय बजट 2021-22 में कोविड के बाद वृद्धि की भरपाई के लिए प्रति-चक्रीय निवेश आधारित राजकोषीय समर्थन को प्राथमिकता देकर सही कदम उठाया गया है.'
इसमें कहा गया है कि निजीकरण, परिसंपत्ति मुद्रीकरण, बुनियादी ढांचे के दीर्घकालिक वित्तपोषण पर नई पहल और बैंकिंग प्रणाली में फंसे हुए कर्ज (एनपीए) की सफाई और विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने जैसे सुधार के उपायों मध्यावधि में वृद्धि को गति मिलेगी. अर्थव्यवस्था के समक्ष अभूतपूर्व संकट के बीच आम बजट 2021-22 में सरकार ने सुधार उपायों पर खासतौर से ध्यान दिया है और पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी की गई है.
लेख में कहा गया है, 'ऐसा करते समय, बजट में एक नाजुक संतुलन बनाया गया है, जिसमें एक तरफ तो वित्त पोषण के दबावों को कम करने के उपाए किए गए हैं, जबकि दूसरी ओर वृद्धि को बहाल करने के लिए प्रति-चक्रीय समर्थन दिया गया है.' लेख के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण और बीमा में एफडीआई सीमा में वृद्धि जैसे वित्तीय क्षेत्र के लिए प्रस्तावित उपाए उल्लेखनीय और प्रगतिशील हैं.
हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखकों के हैं और जरूरी नहीं कि वह आरबीआई के विचारों को प्रतिबिंबित करें.
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