(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
IRDAI Guidelines: कर्मचारियों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल सिखाएं बीमा कंपनियां, नियामक ने क्यों दिया ऐसा निर्देश?
Insurance Regulator Guidelines: इरडा ने साल 2017 में पहली बार बीमा कंपनियों के लिए सूचना व साइबर सुरक्षा पर गाइडलाइंस जारी किया था, जिसे बाद में साल 2022 में सभी इंटरमीडियरीज पर लागू कर दिया गया था.
भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण यानी इरडा (IRDAI) ने बीमा कंपनियों (Insurance Companies) से कहा है कि वे अपने कर्मचारियों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के बारे में शिक्षित करें. नियामक का कहना है कि बीमा कंपनियों को इस संबंध में अपने कर्मचारियों के लिए दिशानिर्देश (Social Media Usage Guidelines) तय करना चाहिए.
इस कारण आया दिशानिर्देश
बीमा नियामक ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सोशल मीडिया के जरिये कंपनी से जुड़ी कोई अप्रमाणित या गोपनीय जानकारी सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए, इसके लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की जरूरत है. इरडा ने कहा कि किसी संगठन की प्रतिष्ठा उसके कर्मचारियों के व्यवहार से काफी हद तक जुड़ी हुई है और सोशल मीडिया का इस्तेमाल इस तरह किया जाना चाहिए, जिससे संगठन के बिजनेस में वैल्यू एडिशन हो.
इन चीजों से बचें बीमा कर्मचारी
इस संबंध में इरडा ने सभी बीमा कंपनियों के लिए सूचना व साइबर सुरक्षा दिशानिर्देश जारी किया है. इसमें एक्सेप्टेबल यूज ऑफ सोशल मीडिया पर एक विशेष खंड है, जिसमें कहा गया है कि कर्मचारियों को किसी भी ब्लॉग, चैट प्लेटफॉर्म, डिस्कशन प्लेटफॉर्म, मैसेंजर साइट या सोशल नेटवर्किंग साइट पर किसी भी अपुष्ट या गोपनीय सूचना को साझा करने से बचना चाहिए.
पोस्ट के साथ लगाएं डिस्क्लेमर
इरडा ने यह भी कहा कि इंटरनेट पर व्यक्तिगत पोस्ट करते समय व्यक्तियों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि ये उनके विचार हैं और वे संगठन के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. बीमा नियामक के हिसाब से व्यक्तिगत पोस्ट करते समय यह डिस्क्लेमर साथ में जोड़ने से पढ़ने वालों को किसी प्रकार का भ्रम नहीं होगा.
2017 में पहली बार आया था निर्देश
इरडा ने कहा कि ये गाइडलाइंस सभी बीमा कंपनियों पर लागू है, जिनमें फॉरेन री-इंश्योरेंस ब्रांचेज और इंश्योरेंस इंटरमीडियरीज भी शामिल हैं. इरडा ने साल 2017 में पहली बार बीमा कंपनियों के लिए सूचना व साइबर सुरक्षा पर गाइडलाइंस जारी किया था, जिसे बाद में साल 2022 में सभी इंटरमीडियरीज पर लागू कर दिया गया था.
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