महंगे मोबाइल टैरिफ से परेशान आम ग्राहकों को जल्द राहत मिल सकती है. इसके लिए दूरसंचार नियामक ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों को एक प्रस्ताव दिया है. कंपनियों से कहा गया है कि वे ग्राहकों के लिए बिना डेटा वाला यानी सिर्फ वॉयस और एसएमएस वाला पैक लॉन्च करें. अगर ऐसा होता है तो ग्राहकों के ऊपर रिचार्ज का बोझ कम हो जाएगा.


ट्राई ने इन बातों को बनाया आधार


भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने शुक्रवार को कहा- ऐसा देखा गया है कि बाजार में उपलब्ध टैरिफ ऑफर मुख्य रूप से बंडल में आ रहे हैं, जिनमें डेटा, वॉयस, एसएमएस और ओटीटी सर्विसेज शामिल होती हैं. ये बंडल ऑफर बड़ी संख्या में सब्सक्राइबर की जरूरतों को पूरा नहीं करते हैं, क्योंकि सभी सब्सक्राइबर सारी सेवाओं का इस्तेमाल नहीं करते हैं. ऐसे में उनक बीच धारणा बनती है कि वे जिन सेवाओं का इस्तेमाल नहीं करते, उनके लिए भी उन्हें भुगतान करना पड़ रहा है.


बिना यूज किए कर रहे हैं भुगतान


दरअसल आज भी बड़ी संख्या में ऐसे मोबाइल यूजर हैं, जो स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करते हैं. बेसिक फोन चलाने वाले यूजर न तो ओटीटी सर्विसेज का इस्तेमाल करते हैं और न ही उन्हें डेटा की जरूरत होती है. स्मार्टफोन चलाने वाले यूजर भी बंडल ऑफर में आने वाले कम ही ओटीटी का इस्तेमाल कर पाते हैं. चूंकि उनके पास और कोई विकल्प नहीं रहता है, जिसके चलते उन्हें बंडल ऑफर वाला प्लान की चुनना पड़ता है.


ऐसे यूजर्स को हो सकता है लाभ


अभी तीनों प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां मोबाइल यूजर्स को मुख्य रूप से बंडल प्लान ऑफर कर रही हैं. सबसे सस्ते प्लान में भी कंपनियों की ओर से डेटा दिया जा रहा है. ऐसे में डेटा का इस्तेमाल नहीं करने वाले यानी बेसिक फोन चलाने वाले यूजर्स को प्लान महंगा पड़ता है और बिना यूज किए भी डेटा के लिए भुगतान करना पड़ जाता है. ट्राई के प्रस्ताव पर अमल होने से ऐसे यूजर्स को बड़ा फायदा होने वाला है.


डिजिटल दौर में आएंगे पुराने वाउचर?


ट्राई ने अपने प्रस्ताव में टेलीकॉम कंपनियों को याद दिलाया है कि कुछ साल पहले तक कैसे बाजार में अलग-अलग सेवाओं के लिए रिचार्ज प्लान मिला करते थे. बकौल ट्राई- पहले टेलीकॉम कंपनियां अलग रंगों में वाउचर लाती थीं. जैसे टॉप अप के लिए हरे रंग में और कॉम्बो प्लान के लिए नीले रंग में वाउचर आते थे. अब डिजिटल हो जाने से वाउचर चलन से बाहर हो गए हैं. ट्राई ने कंपनियों से पूछा है कि क्या डिजिटल दौर में कंपनियां रंगों के हिसाब से प्लान ऑफर कर सकती हैं.


16 अगस्त तक दे सकते हैं सुझाव


ट्राई ने प्रस्तावों के साथ कंसल्टेशन पेपर जारी किया है. नियामक ने सभी संबंधित पक्षों को प्रस्तावों पर सुझाव देने के लिए कहा है. ट्राई के प्रस्तावों पर 16 अगस्त तक सजेशन और 23 अगस्त तक काउंटर सजेशन दिए जा सकते हैं. सुझाव मिलने के बाद ट्राई इन प्रस्तावों को अमल में लाने की दिशा में आगे बढ़ेगा.


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