रिलायंस-ब्रिटिश पेट्रोलियम ने केजी-D6 के दूसरे डीप वॉटर गैस फील्ड से उत्पादन शुरू किया
ब्रिटिश पेट्रोलियम के साथ साझा प्रोजेक्ट के बारे में मुकेश अंबानी ने कहा था कि भारत के एनर्जी क्षेत्र में ये मील का पत्थर हैं. साफ और पर्यावरण के लिए सुरक्षित ग्रीन एनर्जी के लिहाज से ये बेहद अहम प्रोजेक्ट हैं.
रिलायंस इंडस्ट्रीज और इसकी पार्टनर कंपनी ब्रिटिश पेट्रोलियम ने केजी- डी6 ब्लॉक में ऑफशोर उत्पादन शुरू कर दिया है. इससे देश को क्लीन गैस हासिल करने में मदद मिलेगी. रिलायंस-बीपी ने पिछले साल दिसंबर में आर कलस्टर में उत्पादन शुरू कर दिया था. अब केजी डी-6 में गैस उत्पादन शुरू करने से एनर्जी बास्केट में नेचुरल गैस की हिस्सेदारी 6.2 फीसदी से बढ़ कर 15 फीसदी हो जाएगी. इस समय देश में गैस उत्पादन 78 मिलियन क्यूबिक मीटर प्रति दिन (mmscmd) है. हालांकि यह हमारी कुल जरूरत का आधा ही है. लेकिन केजी-D6 और ओएनजीसी के केजी-D5 ब्लॉक से 15 mmscmd के पीक उत्पादन की वजह से 2023-24 घरेलू गैस उत्पादन बढ़ कर 122 mmscmd तक पहुंच सकता है.
केजी-D6 में रिलायंस की 66.67 फीसदी हिस्सेदारी
रिलायंस-बीपी मिलकर केजी-D6,आर कलस्टर, सेटेलाइजट कलस्टर और एमजे में गहरे पानी में गैस उत्पादन कर रही है. ये दोनों मिल कर 2023 तक 30 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन करेंगी जो भारत की कुल जरूरत का 15 फीसदी हिस्सा होगी. पिछले साल उत्पादन शुरू करने की तैयारी के वक्त मुकेश अंबानी ने कहा था कि ये प्रोजेक्ट्स केजी-D6 ब्लॉक के हब इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करेंगी. केजी-D6 में मुकेश अंबानी के पास 66.67 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि ब्रिटिश पेट्रोलियम के पास 33.3 फीसदी हिस्सेदारी है. आर-कलस्टर काकीनाडा तट पर मौजूदा KG D6 कंट्रोल एंड राइजर प्लेटफॉर्म (CRP) से 60 किलोमीटर दूर है.
क्लीन एनर्जी की दिशा में अहम कदम
ब्रिटिश पेट्रोलियम के साथ साझा प्रोजेक्ट के बारे में मुकेश अंबानी ने कहा था कि भारत के एनर्जी क्षेत्र में ये मील का पत्थर हैं. साफ और पर्यावरण के लिए सुरक्षित ग्रीन एनर्जी के लिहाज से ये बेहद अहम प्रोजेक्ट हैं. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के जरिये जो गैस उत्पादन होगा वह हमारी क्लीन एनर्जी की बढ़ती जरूरतों को पूरा करेगी. जबकि ब्रिटिश पेट्रोलियम के सीईओ बर्नार्ड लूनी ने इस साझेदारी को बढ़ती संभावनाओं का एक और उदाहरण करार दिया है. उन्होंने कहा कि ये गैस प्रोजेक्ट भारत के एनर्जी ड्राइव के लिए काफी मददगार साबित होगा और इससे एनर्जी ड्राइव को दिशा मिलेगी.
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