रिलायंस इंडस्ट्रीज ने नए नियमों के तहत नीलामी के लिए पेश केजी-डी6 ब्लॉक की अपनी नई गैस में से दो-तिहाई की खरीद खुद ही की है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इसमें से करीब 67 प्रतिशत गैस खरीदी है. शेष गैस सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी गेल, रॉयल डच शेल और अन्य ने खरीदी है.


रिलायंस और उसकी भागीदारी ब्रिटेन की बीपी पीएलसी ने शुक्रवार को केजी-डी6 ब्लॉक के आर-श्रृंखला क्षेत्र से 75 लाख स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर प्रतिदिन (7.5 लाख MMSCMD) की बढ़ी गैस की नीलामी की. इसे देश में पहली बार गैस मार्कर से बेंचमार्क किया गया है. यह नीलामी सरकार द्वारा नोटिफाइड लिब्रलाइज्ड प्राइस डिस्कवरी रूल्स के तहत की गई. इन नियमों के तहत गैस उत्पादन से संबद्ध इकाइयां भी प्राकृतिक गैस की खरीद के लिए बोली लगा सकती हैं.


रिलायंस ओ2सी ने की 48 लाख क्यूबिक मीटर गैस की खरीद


सूत्रों ने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की इकाई रिलायंस ओ2सी ने शुक्रवार को साढ़े सात घंटे तक चली नीलामी में 48 लाख क्यूबिक मीटर गैस की खरीद की. सार्वजनिक क्षेत्र की गैस कंपनी गेल (इंडिया) लि. ने 8.5 लाख क्यूबिक मीटर और शेल ने 7 लाख क्यूबिक मीटर गैस की खरीद की. वहीं, अडानी टोटल गैस ने एक लाख क्यूबिक मीटर, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने दो लाख क्यूबिक मीटर और टॉरेस्ट गैस ने 20,000 क्यूबिक मीटर गैस की खरीद की.


खरीदारों की लिस्ट में ये बड़ी कंपनियां भी शामिल 


अन्य खरीदारों में आईआरएम एनर्जी, पीआईएल और आईजीएस शामिल है. इस बारे में रिलायंस को भेजे गए ई-मेल का जवाब नहीं मिला है. रिलायंस ओ2सी नई इकाई है, जिसके तहत कंपनी की रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल अस्सेस्ट आती हैं. ई-बोली की प्रक्रिया वेब-आधारित इलेक्ट्रॉनिक बोली मंच के जरिए क्रिसिल रिस्क एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर साल्यूशंकस लि. (क्रिस) ने की. यह एक स्वतंत्र एजेंसी है, जो हाइड्रोकॉर्बन महानिदेशालय (डीजीएच) के पैनल में है. क्रिस ने ई-प्रोक्यूरमेंट टेक्नोलॉजीज लि. (ईपीटीएल) के साथ भागीदारी में ई-बोली मंच तैयार किया है.


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