Hinduja Group IIHL: कर्ज में फंसकर डूब चुकी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) को बचाने के प्रयास खटाई में पड़ सकते हैं. अनिल अंबानी (Anil Ambani) की इस कंपनी को खरीदने वाले हिंदुजा ग्रुप (Hinduja Group) की कंपनी आईआईएचएल (IIHL) पर कर्ज देने वालों ने आरोप लगाया है कि वह जानबूझकर देरी कर रही है. इसके चलते रिलायंस कैपिटल को बचाने के लिए रेजोल्यूशन प्लान मुश्किल में फंस रहा है. 


आईआईएचएल ने अब DIPP से मांगी मंजूरी 


मॉरीशस स्थित इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) ने हाल ही में रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण करने के लिए सफल बोली लगाई थी. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल, मुंबई ने 27 फरवरी, 2024 को कर्ज में फंसी कंपनी रिलायंस कैपिटल को बचाने के लिए 9,861 करोड़ रुपये का आईआईएचएल का रेजोल्यूशन प्लान स्वीकार कर लिया था. सूत्रों के आधार पर बिजनेस स्टैंडर्ड ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इसके बाद आईआईएचएल ने डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (DIPP) से मंजूरी मांगी है. इसके लिए एनसीएलटी की ओर से कोई शर्त भी नहीं रखी गई थी. 


90 दिन बीत जाने के बाद भी अटका पड़ा है प्रस्ताव 


रिपोर्ट में दावा किया गया है कि डीआईपीपी को भेजा गया मंजूरी प्रस्ताव 90 दिन बीत जाने के बाद भी वहीं पड़ा हुआ है. अभी तक मंजूरी नहीं आई है. चूंकि, आईआईएचएल के कुछ निवेशक हॉन्गकॉन्ग के निवासी हैं. यह चीन द्वारा कंट्रोल किया जाने वाला इलाका है. भारत सरकार के प्रेस नोट 3 के मुताबिक, भारत से सीमा साझा करने वाले देशों से निवेश लेने से पहले मंजूरी लेनी होती है. सरकार ने यह कदम कोविड-19 के बाद उठाया था. सरकार को उस समय डर था कि माहौल का फायदा उठाकर कई चीनी कंपनियां भारत की कंपनियों को खरीद सकती हैं.  


रेजोल्यूशन प्लान पर 19 सितंबर को होगी सुनवाई 


इससे पहले 12 अगस्त को एनसीएलटी ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और डीआईपीपी को निर्देश दिया था कि वह रिलायंस कैपिटल के रेजोल्यूशन प्लान को जल्द से जल्द मंजूरी दे दें. आईआईएचएल ने कहा था कि वह 9,861 करोड़ रुपये का भुगतान एक साथ करने को तैयार है. रेजोल्यूशन प्लान पर 19 सितंबर को अगली सुनवाई होनी है. रिलायंस कैपिटल पर 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज था. इसे खरीदने के लिए चार प्रस्ताव आए थे.


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