नई दिल्लीः अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल को कर्ज देने वाली कंपनियों ने इसकी बिक्री की तैयारी शुरू कर दी है. इन कंपनियों को रिलायंस कैपिटल में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी रखने वाली छह कंपनियों की बोलियां मिली हैं.


अब तक छह कंपनियों के प्रस्ताव 


कंपनियां रिलायंस कैपिटल के इंश्योरेंस बिजनेस, एसेट री-कंस्ट्रक्शन और सिक्योरिटीज ब्रोकरेज में हिस्सेदारी खरीदेंगी. कमोडिटी एक्सचेंज में रिलायंस कैपिटल की एक हिस्सेदारी को भी ये कंपनियां खरीदेंगीं. बिक्री से मिले पैसे से कर्जदाता बैंक अपने कर्ज की रिकवरी करेंगे. बैंकों ने कहा है कि रिलायंस कैपिटल की हिस्सेदारी खरीदने के लिए स्ट्रेटजिक और फाइनेंशियल इनवेस्टर की ओर से दिलचस्पी दिखाई गई है. बैंकों को कम से कम छह ऐसे प्रस्ताव मिले हैं.


निवेशक रिलायंस कैपिटल की संपत्ति का ले रहे हैं जायजा 


मंगलवार को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जमा करने का आखिरी दिन था. बैंकों का कहना है कि यह प्रक्रिया 1 अक्टूबर से शुरू हुई थी. निवेशकों ने अभी प्राइस बिडिंग नहीं है. वह पता कर रहे हैं कि रिलायंस कैपिटल का कौन सा कारोबार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. रिलायंस कैपिटल होल्डिंग कंपनी है. रिलायंस कैपिटल की सिर्फ दो इंश्योरेंस कंपनियां अच्छा कर रही हैं. लिहाजा निवेशक, निवेश करते वक्त अच्छे कारोबार का चुनाव कर सकते हैं. रिलायंस कैपिटल ने हाल में स्टॉक एक्सचेंजों को एक सूचना भेज कर रहा है कि अगस्त, 2020 में इस पर 19,805 करोड़ रुपये का कर्ज है. कंपनी का 93 फीसदी कर्ज बॉन्ड के तौर पर हैं, जो कंपनी ने जारी किए थे.


यही वजह है कि डिबेंचर होल्डर्स ने ट्रस्टी विस्त्रा आईटीसीएल लिमिटेड के तहत मोनेटाइजेशन प्रोसेस शुरू कर दी है. एसबीआई कैप्स और जेएम फाइनेंशियल को कंपनी के लिए खरीदार ढूंढने की जिम्मेदारी दी गई है. हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि संभावित खरीदारों ने पूरे रिलायंस कैपिटल को खरीदने का प्रस्ताव दिया है या इसके किसी एक कारोबार के लिए.


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