Reliance Industries AGM: पराली से ईंधन बनाने में देश का सबसे बड़ा उत्पादक बना रिलायंस, पांच साल में लगाएगा 100 और प्लांट
पराली से ईंधन बनाने के मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज देश का सबसे बड़ा उत्पादक बन चुका है. वहीं इसने यूपी में पहला कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट भी लगाया है.
पराली से ईंधन बनाने के मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज देश का पहला सबसे बड़ा उत्पादक बन चुका है. एक साल पहले ही इसने जैव एनर्जी में एंट्री ली थी. वहीं उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में कंपनी ने पहला कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट भी लगाया है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज की 46वीं सालाना आम बैठक में बायोगैस प्लांट के बारे में जानकारी देते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस अगले पांच साल में 100 और प्लांट को लगाएगी और ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पराली से ईंधन का उत्पादन करेगा. यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक के साथ बनाया गया है और इस तकनीक का विकास रिलायंस के जामनगर स्थित जामनगर स्थित दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी में किया गया है.
पांच साल में 100 प्लांट
रिलायंस की आम बैठक में कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट की जानकारी देते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि रिकॉर्ड 10 महीने में उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में प्लांट लगाया गया है. उन्होंने कहा कि हम तेजी से 25 और प्लांट्स और लगाएंगे. वहीं पांच साल में 100 से ज्यादा प्लांट लगाने का है. इन प्लांट्स में 55 लाख टन कृषि-अवशेष और जैविक कचरा खप जाएगा, जिससे करीब 20 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा और सालाना 25 लाख टन जैविक खाद का उत्पादन होगा.
दूर हो सकती है ईंधन की समस्या
गौरतलब है कि भारत में करीब 23 करोड़ टन पराली का उत्पादन होता है और इसका ज्यादातर हिस्सा जला दिया जाता है. हालांकि अब इससे ईंधन बनने की प्रक्रिया शुरू हुई है. आने वाले समय में इसमें प्रदूषण कम हो सकता है. साथ ही रिलायं के इस पहल से ईंधन की समस्या में भी दूर हो सकती है.
2030 तक 100 गीगावॉट ऊर्जा का उत्पादन
दूसरी ओर पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भी रिलायंस हाथ आजमाने को तैयार है. पवन चक्कियों के ब्लेड बनाने में इस्तेमाल होने वाले कार्बन फाइबर का बड़े पैमाने पर निर्माण कर, कंपनी इन ब्लेड्स की कीमत कम रखना चाहती है. इसके लिए रिलायंस दुनिया भर की बड़ी कंपनियों के साथ डील कर रही है. रिलायंस का लक्ष्य 2030 तक कम से कम 100 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा पैदा करना है.
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